Saturday, November 22, 2025
Homeहरियाणारोहतकआयुष्मान भारत योजना : 5 अगस्त से अब तक सूचीबद्ध अस्पतालों को...

आयुष्मान भारत योजना : 5 अगस्त से अब तक सूचीबद्ध अस्पतालों को 200 करोड़ रुपये किए गए जारी

हरियाणा सरकार ने राज्य के 45 लाख से अधिक पात्र परिवारों को 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इनडोर उपचार प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) और चिरायु योजना लागू की है।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के प्रवक्ता ने भारतीय चिकित्सा संघ (IMA), हरियाणा द्वारा सेवाओं को वापस लेने के आह्वान के संबंध में कहा कि सूचीबद्ध अस्पतालों को सभी लंबित भुगतान समय पर किया जा रहा है। सभी बकाया राशि का बिना किसी देरी के निपटान किया जाएगा, जिसमें छोटे अस्पतालों/स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य के सूचीबद्ध अस्पतालों के बकाया भुगतान के लिए पर्याप्त धनराशि स्वीकृत और प्राप्त हो चुकी है।

प्रवक्ता ने जानकारी दी कि जून 2025 के दूसरे सप्ताह तक प्रस्तुत दावों का भुगतान अब तक किया जा चुका है। उक्त योजना की शुरुआत से अब तक, अस्पतालों को 3,050 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है। चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए, 18 अगस्त 2025 तक, केंद्र और राज्य सरकारों से लगभग 480 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि 5 अगस्त 2025 से अब तक राज्य के सूचीबद्ध अस्पतालों को 200 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। चिरायु योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों के लंबित बकाया के भुगतान के लिए राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त 291 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जल्द ही भुगतान कर दिया जाएगा।

एनएचए के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से दावों का निपटान

प्रवक्ता ने बताया कि दावों का निपटान राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से 60 डॉक्टरों की एक टीम द्वारा एक पारदर्शी आवंटन प्रणाली का उपयोग करके किया जाता है। जब भी पैनलबद्ध अस्पतालों द्वारा अधूरा दावा या वाइटल चार्ट, ओटी नोट्स, क्लिनिकल इमेज और लैब रिपोर्ट जैसे अनिवार्य दस्तावेजों के अभाव वाला दावा प्रस्तुत किया जाता है, तो अस्पतालों से पूछताछ की जाती है। सभी कटौती एनएचए के दिशानिर्देशों के अनुसार की जाती हैं और केवल तभी की जाती हैं जब पैनलबद्ध अस्पतालों द्वारा अपर्याप्त क्लिनिकल जस्टिफिकेशन या दस्तावेज उपलब्ध हों। असहमति की स्थिति में, अस्पताल पोर्टल के माध्यम से अपील कर सकते हैं, और ऐसी अपीलों की समीक्षा एक मेडिकल ऑडिट समिति द्वारा की जाती है।

गौरतलब है कि राज्यभर में बड़ी संख्या में निजी अस्पतालों ने आईएमए के सेवा वापसी आह्वान से खुद को अलग कर लिया है और सेवाएं प्रदान करना जारी रखा है। पैनलबद्ध अस्पतालों द्वारा प्रतिदिन औसतन 2500 ‘प्री-ऑथ’ पंजीकृत किए जा रहे हैं, जिससे निजी अस्पताल प्रतिदिन औसतन लगभग 2 करोड़ रुपये का प्री-ऑथ प्राप्त कर रहे हैं। उपचार रिपोर्ट के किसी भी उल्लंघन/अस्वीकृति से नियमों और दिशानिर्देशों के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा।

अस्पतालों का औचक निरीक्षण

सूचीबद्ध अस्पतालों द्वारा दावा प्रस्तुत करने में की गई अनियमितताओं को गंभीरता से लेते हुए, आज राज्यभर के विभिन्न सूचीबद्ध अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया गया। ऐसे औचक निरीक्षणों में कमी पाए जाने पर नियमों/दिशानिर्देशों के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जिला अस्पतालों को अपग्रेड किया जा रहा

  • स्वास्थ्य विभाग हरियाणा अपने जिला अस्पतालों को निरंतर अपग्रेड कर रहा है। अधिकांश नवनियुक्त डॉक्टर, नर्स और अन्य पैरामेडिकल कर्मियों की नियुक्ति जिला अस्पतालों में की गई है। स्नातकोत्तर नीति के कारण जिला अस्पतालों में विशेषज्ञों की संख्या में और वृद्धि हुई है। जिला अस्पतालों में ढांचागत विकास में सुधार के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। जैव चिकित्सा उपकरणों को निरंतर अपग्रेड किया जा रहा है। अधिकांश जिला अस्पतालों में डायलिसिस, सीटी/एमआरआई स्कैन, आधुनिक ब्लड बैंक सुविधाएं, कैंसर देखभाल जैसी टर्शरी देखभाल सेवाएं प्रदान की जा रही हैं, और शेष में भी ये सेवाएं जल्द ही प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा, सरकार द्वारा नए डॉक्टर्स की भर्ती भी की जाएगी।
  • आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के अंतर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों द्वारा लाभार्थियों को उपचार प्रदान करने से इनकार करने की स्थिति में, जिला अस्पताल ऐसे रोगियों की देखभाल करने में सक्षम हैं, जैसा कि इस योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने की संख्या में वृद्धि से स्पष्ट होता है। उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवा के लिए, जहाँ भी आवश्यकता हो, स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं के पूरक के रूप में राज्य में कई सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी मेडिकल कॉलेज सहयोग कर रहे हैं।
RELATED NEWS

Most Popular