- पराली व कचरा जलाने की घटनाओं की निगरानी के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में तीन स्तरीय निगरानी समितियां गठित
- अधिकारियों को निर्देश- एनसीआर क्षेत्र में लागू ग्रेप-एक व दो के दृष्टिगत हिदायतों का गंभीरता से हो पालन
रोहतक : उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की हिदायतों के संदर्भ में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रदूषण के स्तर को मध्यनजर रखते हुए सभी हिदायतों का गंभीरता से पालन सुनिश्चित करें। डयूटी में कोताही बरतने वाले कर्मचारी/अधिकारी के विरुद्घ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में पराली जलाने तथा कचरा जलाने पर निगरानी के लिए तीन स्तरीय निगरानी समितियां गठित की जाए। ऐसी घटनाओं की जांच के लिए उडऩदस्ते भी गठित किए जाए। उपायुक्त स्थानीय लघु सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने पुलिस उपाधीक्षक को निर्देश देते हुए कहा कि जिला में 10 साल पुराने डीजल वाहन तथा 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को तुरंत जब्त किया जाए। उन्होंने कहा कि शहर में आने वाले वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्र की जांच की जाए और यदि कोई वाहन ज्यादा धुंआ छोड़ रहा है तो तुरंत उसकी प्रदूषण की जांच करवाई जाए ताकि वाहनों के धुएं से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाई जाए सकें। उन्होंने कहा कि जिला में एकीकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाए ताकि सभी विभागों के अधिकारी इस नियंत्रण कक्ष में मौजूद रहकर बेहतर कार्य किया जा सके।
उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा शहरी क्षेत्र में 500 वर्ग गज से अधिक भूमि पर निर्माणाधीन भवनों का विवरण पोर्टल पर दर्ज किया जाए। जीर्ण-शीर्ण भवनों को तोड़कर नए भवन बनाते समय भी सभी हिदायतों का पालन करें। भवन के मलवे को निर्धारित स्थान पर डलवाए। निजी संपत्ति पर 500 वर्गगज से कम भूमि पर भवन निर्माण के दौरान भी सभी हिदायतों की पालना सुनिश्चित करवाई जाए ताकि पर्यावरण प्रदूषित न हो। विभाग अपने कॉन्ट्रेक्टर को भी जागरूक करें कि वे भवन तोडऩे के बाद मलवे को सड़क पर न छोड़े। यदि ऐसा पाया गया तो संबंधित विभाग पर जुर्माना लगाया जाएगा, जो विभाग द्वारा कॉन्टे्रक्टर से वसूला जाएगा।
उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने कहा कि प्राधिकरण की हिदायतों अनुसार सडक़ों पर पानी का छिडक़ाव करवाया जाए तथा इसके लिए ताजा पानी प्रयोग न हो। सडक़ों पर छिडक़ाव के लिए एसटीपी द्वारा शुद्घ किए गए पानी का प्रयोग किया जाए। अधिकारियों द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी वाहन से ड्रेन व नहरों में गंदा पानी न डाला जाए। यदि कोई वाहन ऐसा करता पाया जाता है तो उस पर जुर्माना करने के साथ-साथ वाहन को जब्त किया जाए। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में कचरा इत्यादि जलाने की घटनाओं पर निगरानी के लिए निगम द्वारा तीन स्तर पर कर्मचारी/अधिकारियों की जिम्मेवारियां तय की जाए। संबंधित उपमंडलाधीश भी औचक निरीक्षण करें तथा प्रतिदिन रिपोर्ट सौंपे।
उपायुक्त ने जिला राजस्व अधिकारी तथा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक गांव में धान की पराली जलाने की निगरानी के लिए पटवारी व ग्राम सचिवों की तैनाती की जाए। इनके साथ नंबरदार व गांव के चौकीदार को भी शामिल किया जाए। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के खंड स्तर पर कार्यरत अधिकारी ग्रामीण क्षेत्र में पराली जलाने पर विशेष निगरानी रखेंगे। हरसैक से आग जलाने की प्राप्त घटना की तुरंत करवाई जाए तथा दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाए। यदि किसी अधिकारी/कर्मचारी को भी आवागमन के दौरान आग की ऐसी घटना दिखाई दे तो वे तुरंत इसका फोटो नियंत्रण कक्ष को भिजवाए। उन्होंने उप कृषि निदेशक को निर्देश देते हुए कहा कि वे विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को भी ग्रामीण क्षेत्र में निगरानी के लिए तैनात करें तथा हरसैक से प्राप्त आग जलाने की घटना की यथाशीघ्र जांच करवाकर आवश्यक कार्रवाई करें।
उपायुक्त ने एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे औद्योगिक क्षेत्र में औद्योगिक ईकाईयों के संचालकों को जागरूक करें कि वे प्राधिकरण द्वारा जारी सभी हिदायतों का पालन सुनिश्चित करें। इन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के साथ-साथ जल व ध्वनि प्रदूषण की भी जांच की जाए। उपमंडलाधीश एवं नगर निगम के संयुक्त आयुक्त इस क्षेत्र में उद्योग संचालकों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा स्वच्छता ऐप एवं एक्यूआई सेंटर की नियमित निगरानी की जाए।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार, सहायक आयुक्त अंडर ट्रेनिंग अभिनव सिवाच, रोहतक के उपमंडलाधीश आशीष कुमार, सांपला के उपमंडलाधीश सुभाष चंद्र जून, नगर निगम के संयुक्त आयुक्त भूपेंद्र सिंह, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजपाल चहल, जिला राजस्व अधिकारी कनब लाकड़ा, सिविल सर्जन डॉ. रमेश चंद्र सहित संबंधित विभागों के अधिकारी तथा हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रतिनिधि मौजूद रहे।