Friday, November 22, 2024
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International Gita Mahotsav 2024 : कुरुक्षेत्र में 28 नवंबर से 15 दिसंबर मनाया जाएगा 9वां अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव

International Gita Mahotsav 2024 : भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखने वाले स्थल और ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ की जन्मस्थली धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की पावन भूमि पर वर्ष 2016 से मनाए जा रहा अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव इस वर्ष 2024 में भी धूमधाम से मनाया जाएगा।इस 9वें अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की शुरुआत एक अनूठे ढंग से की है, जब आयोजन के भागीदारी देश तंजानिया की हाई कमिश्नर अनीशा कपुफी मोबेगा और भागीदारी राज्य ओडिशा के संस्कृति राज्य मंत्री सुर्यवंशी सूरज ने हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ मीडिया से रू-ब-रू हुए।

गीता जयंती महोत्सव में अध्यात्म, संस्कृति एवं कला का दिव्य संगम देखने को मिलेगा। यह आयोजन 28 नवंबर से शुरू होकर 15 दिसंबर तक चलेगा। 18 दिनों तक चलने वाले इस अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 5 दिसंबर से 11 दिसंबर तक चलेंगे, जिसकी शुरुआत 5 दिसंबर को ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में गीता यज्ञ एवं पूजन के साथ होगी।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता में हर समस्या का समाधान निहित है। यह एक ऐसा पवित्र ग्रंथ है, जिसको दुनिया के बड़े- बड़े अर्थशास्त्रियों ने अपनी प्रेरणा माना है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार का उद्देश्य है कि गीता के संदेश को घर-घर तक पहुंचाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस बार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में यूनाइटेड रिपब्लिक ऑफ तंजानिया सहयोगी देश तथा ओडिशा सहयोगी राज्य होगा। गत फरवरी माह में आयोजित किये गये अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में भी तंजानिया सहभागी देश था। उन्होंने कहा कि तंजानिया में भारतीय प्रवासी श्री रामायण और श्रीमद्भगवद् गीता के पाठ का आयोजन करते हैं। वहां हिन्दू मंदिर भी हैं, जो भारतीय संस्कृति को तंजानिया से जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि सहयोगी राज्य ओडिशा के जगन्नाथपुरी, कोणार्क सूर्य मंदिर, भुवनेश्वर के लिंगराज व मुक्तेश्वर मंदिर आदि तीर्थ सनातन संस्कृति के गौरव हैं, जिनकी झलक इस महोत्सव में देखने को मिलेगी। भगवान जगन्नाथ को श्रीकृष्ण का अवतार माना गया है।

5 दिसंबर को ब्रह्म सरोवर पर गीता यज्ञ एवं पूजन से महोत्सव का होगा विधिवत शुभारंभ

कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक ब्रह्म सरोवर के पावन तट पर हर दिन भव्य गीता महाआरती का आयोजन होगा। 28 नवंबर से 11 दिसंबर तक 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि के तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। 5 दिसंबर को ब्रह्मसरोवर पर गीता यज्ञ एवं पूजन से इस महोत्सव का विधिवत शुभारम्भ होगा। इसी दिन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में तीन-दिवसीय ‘अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी’ का आयोजन होगा। 9 दिसंबर को महोत्सव के दौरान पुरुषोत्तमपुरा बाग में संत सम्मेलन का आयोजन होगा। 10 दिसंबर को ब्रह्म सरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में अखिल भारतीय देवस्थानम सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। इसी तरह से गीता जयंती के दिन 11 दिसंबर को ज्योतिसर तीर्थ पर गीता यज्ञ एवं भागवत कथा का आयोजन होगा।

गीता के संदेश को विश्व स्तर पर देखा जा रहा है समाधान के रूप में : गीता मनीषी ज्ञानानंद

गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि  गीता जयंती मनाने की शुरुआत वर्ष 1989 से गई थी। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन वर्ष 2016 से किया गया है। गीता उपदेश शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को दिया था, जो आज भी पूरी दुनिया में प्रासंगिक है। इस उपदेश को 5161 वर्ष पूरे हो गए हैं और 34 देशों ने इसे अपनाया है। आज गीता संदेश को विश्व स्तर पर समाधान के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष श्रीलंका में गीता महोत्सव के दौरान शोभा यात्रा निकाली थी, श्रीलंका के प्रधानमंत्री इस आयोजन में डेढ़ घंटे तक रहे और उन्होंने कुरुक्षेत्र आने की भी मंशा जताई।

तंजानिया में 60 हजार हरियाणवी रहते हैं, मिलकर करते हैं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन : हाई कमिश्नर अनीसा

भागीदारी देश तंजानिया की भारत में नियुक्त हाई कमिश्नर अनीसा के. मबेगा ने कहा कि हरियाणा भारत व तंजानिया सामाजिक, आर्थिक व सामाजिक रिश्ते प्रगाढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के 60 हजार से अधिक लोग तंजानिया में रहते हैं। तंजानिया में हरियाणवी संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम सांझे तौर पर मनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में तंजानिया का भागीदारी देश होना दर्शाता है कि संस्कृति लोगों को कैसे एकजुट करती है।

महाप्रभु जगन्नाथ भगवान कृष्ण के हैं अवतार : सूर्यबंशी सूरज

इस अवसर पर भागीदारी राज्य ओडिशा के भाषा, साहित्य और संस्कृति राज्य मंत्री सूर्यबंशी सूरज ने कहा कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में ओडिशा राज्य को भागीदारी राज्य बनाने के लिए ओडिशा के लोगों की ओर से हरियाणा सरकार का आभार है। उन्होंने कहा कि हरियाणा गीता की भूमि है, जबकि ओडिशा महाप्रभु जगन्नाथ की भूमि है, जिन्हें भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है। उन्होंने कहा कि गीता महोत्सव ओडिशा को हरियाणा के साथ अपनी समृद्ध संस्कृति, विरासत, लोक नृत्य और पारंपरिक व्यंजनों का आदान-प्रदान और साझा करने का मंच प्रदान करेगा।

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