चंडीगढ़। खेलो इंडिया के इतिहास में हरियाणा पहली बार तीसरे स्थान पर खिसक गया है, जबकि हरियाणा के दल में पिछले साल के मुकाबले 23 खिलाड़ी अब की बार ज्यादा थे। इसके बावजूद 25 पदक घट गए। पिछले साल 468 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया और 128 मेडल जीते थे। इस बार 491 खिलाड़ी मैदान में उतरे और 103 मेडल जीते हैं। सबसे ज्यादा नुकसान कुश्ती में हुआ है।
इस कारण कुश्ती में आए इतने कम मेडल
कुश्ती में इतने कम मेंडल इसलिए आए क्योंकि इस बार 4 पहलवान और 5 मुक्केबाज अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी में जुटे थे। इसलिए वह इन खेलों में भाग नहीं ले पाए। इसके साथ ही कम मेडल का एक और मुख्य कारण भी है कि तमिलनाडु में इस बार वाटर स्पोर्ट्स इवेंट और हैंडबॉल नहीं हुए जिसमें कुछ मेंडल हमारे पिछले साल भी आए थे।
9 गोल्ड समेत जीते थे 41 पदक
बता दें कि पिछले साल 9 गोल्ड समेत 41 पदक जीते थे, इस बार 9 गोल्ड समेत 23 ही आए हैं। यानी 4 सिल्वर और 14 ब्रॉन्ज समेत 18 मेडल ऐसे खेल में कम हुए, जिसमें हरियाणा की शुरू से धाक रही है। इसके अलावा जूडो, शूटिंग, तीरंदाजी, एथलेटिक्स, वॉलीबॉल व बेटलिफ्टिंग में भी कम मेडल आए हैं। इस बार कुश्ती में दिल्ली ने सबसे ज्यादा 3 गोल्ड समेत 17 मेडल जीते हैं।
हरियाणा इस बार 35 गोल्ड, 22 सिल्वर व 46 ब्रॉन्ज के साथ 103 मेडल जीत तीसरे स्थान पर रहा। तमिलनाडू 38 गोल्ड, 21 सिल्वर व 39 ब्रॉन्ज के साथ कुल 98 मेडल लेकर दूसरे स्थान पर रहा। महाराष्ट्र 57 गोल्ड, 48 सिल्वर व 53 ब्रॉन्ज के साथ 158 मेडल जीत चैंपियन बना है।