दिल्ली की सरकार ने बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर हरियाणा सरकार पर सवाल उठाए हैं। लेकिन हकीकत तो यह है कि प्रदेश के किसान पराली ना जलाने को लेकर जागरुक हुए हैं। बीते दो सालों के भीतर इस साल खेतों में धान के अवशेष (पराली) जलाने की घटनाओं में काफी कमी हुई है।
प्रदेश में अब तक पराली जलाने के 714 मामले सामने आए हैं। बीते साल इस अवधि में पराली जलाने के 893 मामले सामने आए हैं। साल 2021 में पराली जलाने के मामलों की संख्या 1508 थी। पड़ोसी राज्य पंजाब में इस साल अब तक पराली जलाने की 1794 घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने दावा किया है कि हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या को खत्म करने के लिए गंभीरता से लिया है। प्रदेश सरकार ने किसानों के सहयोग से पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने में काफी हद तक सफलता हासिल की है। इससे वायु प्रदूषण बहुत हद तक कम हुआ है।
हरियाणा सरकार किसानों में जागरुकता अभियान चला रही है इसके साथ ही साथ पराली के उचित प्रबंधन के लिए 1000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि किसानों को देने का प्रविधान किया गया है। इसके अतिरिक्त कृषि विभाग के द्वारा किसानों को पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न मशीनें और उपकरण भी मुहैया करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार घट रही पराली जलाने की घटनाएं बताती हैं कि फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को जागरूक करने के प्रयास धरातल पर सफल साबित हुए हैं।