नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पर हमलावर है। बुधवार को सोनीपत में पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहन लाल बड़ौली ने कांग्रेस नेताओं पर शेयरों की हेराफेरी, भ्रष्टाचार और हजारों करोड़ों रुपये की जमीन हथियाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के चलते आज सोनिया गांधी और राहुल गांधी जमानत पर बाहर है। कांग्रेस नेताओं के घोटालों का पर्दाफाश होने से कांग्रेस पार्टी हाय तौबा मचा रही है और धरना प्रदर्शन की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को सरकारी सम्पत्ति और फंड लूटने का कोई अधिकार नहीं है। पंडित मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने कैसे 50 लाख रुपये में 90 करोड़ रुपये की संपत्ति हथिया ली इसका जवाब कांग्रेस पार्टी को देना चाहिए।
मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि अखबार शुरू करने के लिए कांग्रेस ने जो कर्ज दिया वह भी अवैध था, क्योंकि यह फंड पार्टी के फंड से लिया गया था। उन्होंने कहा कि शेयर ट्रांसफर होते ही एजेएल के शेयर होल्डर्स सामने आ गए। पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण, इलाहाबाद व मद्रास उच्च न्यायालयों के पूर्व मुख्य न्यायाधीश काटजू सहित कई शेयरधारकों ने आरोप लगाया कि जब वाईआईएल ने एजेएल का ’अधिग्रहण’ किया था तब उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया था। यही नहीं, शेयर ट्रांसफर करने से पहले शेयर होल्डर्स से सहमति भी नहीं ली गई। बता दें कि शांति भूषण और मार्कंडेय काटजू के पिता के नाम पर एजेएल में शेयर थे।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के इस घोटाले की जांच 2014 में मोदी सरकार आने के बाद ईडी ने शुरू की। जांच से सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी और दोनों मां-बेटा कोर्ट पहुंच गए। 19 दिसंबर, 2015 को निचली अदालत ने इस मामले में दोनों को जमानत दे दी थी।
बड़ौली ने कहा कि मोदी सरकार ने 2018 में 56 साल बाद पुराने स्थायी पट्टे को रद् कर दिया। इसके अलावा हेराल्ड हाउस परिसर से एजेएल को अखबार प्रकाशित ना करने के आधार पर बेदखल कर दिया।
बड़ौली ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एक ऐसी कम्पनी बनाई, जिसका मकसद कारोबार करना नहीं था, बल्कि करोड़ों रुपये की संपत्ति हथियाने का षडयंत्र था।