पंचकूला। हरियाणा विधानसभा बजट सत्र का आज पांचवां दिन है। सदन कि कार्यवाही इनेलो प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा श्रद्धांजलि देकर की गयी। जिसके बाद सदन में नफे सिंह राठी की हत्या को लेकर विपक्ष द्वारा जमकर हंगामा किया गया। विपक्ष ने सरकार पर एक के बाद एक इल्जामात लगाए। इस दौरान विपक्ष ने मांग उठाई कि राठी कि हत्या के मामले की जांच हाईकोर्ट जज की निगरानी में सीबीआई से करवाई जाए।
इसके बाद सदन में अनिल विज ने कहा कि हाउस की तसल्ली सीबीआई जांच से होती है तो हम तैयार हैं। गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाएगी। किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि “पुलिस राज्य में अपराध को रोकने के लिए जी जान लगाती है। अगर विपक्ष को हरियाणा पुलिस पर भरोसा नहीं है। इस पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इस हत्याकांड में सभी पहलुओं पर पर्दा उठना चाहिए।”
जानकारी के अनुसार इंडियन नेशनल लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या के मामले की जांच सीबीआई करेगी। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने सोमवार को इस बात की जानकारी विधानसभा में दी। कांग्रेस की ओर से सदन में इस मसले पर हंगामा किए जाने के दौरान अनिल विज ने इस फैसले के बारे में बताया। यही नहीं विधानसभा में स्पीकर ने कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया है। कांग्रेस ने कहा कि नफे सिंह राठी की सरेआम हत्या ने भय पैदा कर दिया है। इससे हरियाणा के लोग हैरान हैं।
कांग्रेस ने कहा कि नफे सिंह राठी हत्याकांड की सीबीआई जांच हाई कोर्ट के जज की निगरानी में होनी चाहिए। कांग्रेस ने कहा कि इस घटना से राज्य में हर कोई खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। विधानसभा में प्रश्नकाल खत्म होने के बाद ही कांग्रेस ने यह मुद्दा उठाया। पार्टी नेता रघुवीर सिंह कादियान ने स्पीकर से मांग की कि नफे सिंह राठी के मर्डर पर चर्चा की जाए। इस पर स्पीकर ने स्थगन प्रस्ताव को मंजूर कर लिया। कादियान ने कहा कि राज्य में राठी की हत्या पहला राजनीतिक कत्ल है।
वहीं विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि इनेलो नेता की हत्या दुर्भाग्यपूर्ण है। हुड्डा ने कहा, ‘हरियाणा में ऐसे हालात कैसे पैदा हो गए? यह राज्य के हित में होगा कि मामले को सीबीआई के पास दिया जाए और हाई कोर्ट के जज की निगरानी में जांच हो।’ होम मिनिस्टर अनिल विज ने कहा कि फिलहाल एसटीएफ इसकी जांच कर रही है। फिर भी हमने सीबीआई को यह मामला सौंपने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि रविवार को झज्जर जिले में एक रेलवे क्रॉसिंग पर नफे सिंह राठी की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को लेकर माना जा रहा है कि इसमें गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का हाथ था।
राठी की हत्या के बाद सभी विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रियाएं दी हैं। विपक्षी दलों के नेताओं का आरोप है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। बदमाश बेखौफ और जनता खौफ में जी रही है। कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि सरकार का कानून व्यवस्था पर ध्यान नहीं है। गीता भुक्कल ने कहा कि सीएम को कार्रवाई को लेकर आश्वासन देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो हालात बने हैं, वे चिंताजनक हैं। अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
एक साल पहले शस्त्र लाइसेंस किया गया था निलंबित
गौरतलब है कि करीब एक साल पहले नफे सिंह राठी का शस्त्र लाइसेंस भी निलंबित कर दिया गया था। उस समय नफे सिंह राठी के पुत्र नगर पार्षद जितेंद्र राठी ने अपना व अपने पिता के शस्त्र लाइसेंस को निलंबित करने को नाजायज बताया था और सरकार से अपने परिवार को सुरक्षा उपलब्ध करवाने की मांग की थी।जितेंद्र राठी ने तब एक भाजपा नेता कर्मबीर राठी पर प्लाट के विवाद में कई गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि जिस भूखंड को कर्मबीर अपना बता रहे हैं, वर्ष 1998 से उसकी असल मालिक उनकी मां शीला देवी व ताई बाला देवी हैं। जितेंद्र राठी का आरोप था कि जिस केस का हवाला देकर उनका शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर हथियार जमा करवाया गया है, उस केस में उनका नाम ही नहीं था।