Friday, September 20, 2024
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जल शक्ति अभियान के कार्यान्वयन में हरियाणा ने हासिल किया देशभर में दूसरा स्थान

हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे जल शक्ति अभियान-2023 के कार्यान्वयन में देशभर में दूसरा स्थान हासिल किया है। मुख्य सचिव सभी उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘जल शक्ति अभियानः कैच द रेन-2024’ की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

बैठक में बताया गया कि ‘जल शक्ति अभियानः कैच द रेन’ पहल के तहत राज्य में ग्राउंड वाटर रिचार्ज को बढ़ावा देने के लिए 65,000 से अधिक वर्षा जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त, 18,104 जलाशयों की जियोटैगिंग की गई है। इनमें से 852 जलाशयों का नवीनीकरण किया गया और 1,152 जलाशयों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इस अभियान के तहत 40,000 से अधिक पुनः उपयोग और पुनर्भरण संरचनाओं, 10,000 वाटरशेड विकास संरचनाओं का निर्माण और 3.5 करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए हैं।

मुख्य सचिव ने बताया कि किसानों और आमजन को जल संरक्षण के बारे में जागरूक करने के लिए लगभग 70,000 प्रशिक्षण कार्यक्रम और किसान मेले आयोजित किए गए हैं। इसके अलावा, सभी जिलों में जल शक्ति केंद्र स्थापित किए गए और सतत जल प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए जिला-विशिष्ट जल संरक्षण योजनाएं भी विकसित की गई हैं।

 ‘जल शक्ति अभियानः कैच द रेन’ के परिणाम अत्यंत प्रभावशाली रहे हैं। इस अभियान के चलते जल स्तर में वर्ष 2023 में 12 जिलों में लगभग 1.3 मीटर, वर्ष 2022 में 19 जिलों में 0.58 मीटर और वर्ष 2021 में 7 जिलों में 0.57 मीटर की बढ़ोतरी हुई है।

 मुख्य सचिव ने विशेष रूप से चिन्हित 10 जिले जींद, फतेहाबाद, सिरसा, कुरुक्षेत्र, पानीपत, महेन्द्रगढ़, रेवाडी, कैथल, गुरुग्राम और फरीदाबाद में स्प्रिंग शेड एरिया में वैज्ञानिक वनीकरण के महत्व पर बल दिया। उन्होंने सरकारी भवनों और वन भूमि पर वर्षा जल संचयन प्रणाली की स्थापना और जहां भी तकनीकी रूप से संभव हो, जल स्रोतों में सुधार करने के निर्देश दिए।

 मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग छात्रों के बीच जल-दूत अभियान को बढ़ावा देने, ग्रामीण विकास विभाग जल संरक्षण प्रयासों में स्वयं सहायता समूहों को शामिल कर उनकी क्षमता बढ़ाएगा। इसके साथ ही ग्राम स्तर पर जल बजट को प्रोत्साहित करने के अलावा पंचायतों, जल उपयोगकर्ता संघों और स्वयं सहायता समूहों के बीच समन्वय स्थापित करेगा।

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