पंजाब में लुप्त हो रहे खेलों को जीवित रखने के लिए मोगा की दाना मंडी में गुल्ली डांडे टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। अगर हम बात करें तो पंजाब में पुराने समय में जहां तरह-तरह के खेल खेले जाते थे, वहीं गली डंडा भी एक खास भूमिका निभा रहा है। हालाँकि, अब पंजाब से पुराने खेल पूरी तरह से गायब हो रहे हैं। पंजाब में लुप्त हो रहे खेलों को जीवित रखने के लिए युवाओं द्वारा विशेष प्रयास किये गये हैं।
मोगा की दाना मंडी में युवाओं द्वारा गुल्ली डंडे टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। वहां गुल्ली डंडे खेल में पंजाब भर के अलग-अलग गांवों और शहरों से अलग-अलग टीमों ने हिस्सा लिया। टूर्नामेंट का संचालन कर रहे पार्षद मतवाल सिंह ने पत्रकार से बातचीत करते हुए कहा कि पंजाब के प्राचीन खेलों की बात करें तो गुल्ली डंडा, कबड्डी, खोखो, बंदर किला जैसे खेल लुप्त हो रहे हैं और युवा वर्ग ड्रग्स की लत में है। युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए हम मोगा के बाजार में गली डांडे टूर्नामेंट का आयोजन कर रहे हैं।
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इस टूर्नामेंट में गुल्ली डंडे में पंजाब के विभिन्न जिलों लुधियाना, जालंधर, अमृतसर और बठिंडा के अलावा दिल्ली और राजस्थान से भी अलग-अलग टीमों ने भाग लिया है। उन्होंने कहा कि युवा विदेश जा रहे हैं जिससे ये खेल खत्म हो रहे हैं और आने वाली पीढ़ी इसे सिर्फ सोशल मीडिया पर देखती है, मैदान पर नहीं खेलती।
वहीं, मतवाल सिंह ने बताया कि इस गुल्ली डांडे टूर्नामेंट में करीब 20 से 25 टीमों ने हिस्सा लिया है। वहीं, पहले स्थान पर आने वाली टीम को 11 हजार रुपये, दूसरे स्थान पर आने वाली टीम को 5100 रुपये और तीसरे स्थान पर आने वाली टीम को 1100 रुपये का इनाम दिया जाएगा।