Friday, April 26, 2024
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रोहतक कोर्ट में जीआरपी की किरकरी, जज ने सुनाई खरी खरी, पढ़े हैरान कर देने वाला मामला

बहस के दौरान जीआरपी ने बताया कि झपटमारी के बाद आरोपी मोहित सांपला रेलवे स्टेशन पर मिला, जहां चलती ट्रेन से कूदा था। उसके हाथ में शिकायतकर्ता का मोबाइल फोन था। इतना ही नहीं, शिकायतकर्ता ने उसे पहचान भी लिया।

रोहतक। रोहतक कोर्ट में पिछले 5 साल से चल रहा एक झपटमारी का केस जीआरपी को उपहास का पात्र बना गया। बचाव पक्ष ने जीआरपी बहादुरगढ़ की जांच पर गंभीर सवाल उठाए थे। सेशन जज नीरजा कुलवंत कल्सन की अदालत ने जब आरोपी की हालत देखी तो जीआरपी से कुछ ऐसे सवाल पूछ लिए जिसका जवाब उन्हें देते नहीं बना। कोई ठोस सबूत के साथ जवाब नहीं होने पर जज ने दिव्यांग आरोपी सांपला निवासी मोहित को बरी कर दिया।

बचाव पक्ष के वकील यशवीर दहिया ने बताया कि देश के अंदर हरियाणा में झपटमारी के केस में कम से कम 10 साल की सजा है। अदालत को बताया कि सबूतों के बिना चलने में असमर्थ युवक, जिसका पंजा बीमारी से ग्रस्त है वो चलती ट्रेन से कैसे मोबाईल झपट कर भाग सकता है। अगर उसको इतनी लंबी सजा मिली तो समाज में गलत संदेश जाएगा। अदालत ने उसके तर्क को माना और आरोपी को बरी कर दिया।

जानकारी के अनुसार 21 सितंबर 2019 में बहादुरगढ़ जीआरपी ने सांपला रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन में झपटमारी के केस में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। दाखिल चार्जशीट में जीआरपी ने उस युवक को आरोपी बनाया था, जिसके पैर का पंजा बीमारी के चलते खराब हो चुका था। चार साल बाद अदालत में केस को लेकर सुनवाई हुई। बहस के दौरान जीआरपी ने बताया कि झपटमारी के बाद आरोपी मोहित सांपला रेलवे स्टेशन पर मिला, जहां चलती ट्रेन से कूदा था। उसके हाथ में शिकायतकर्ता का मोबाइल फोन था। इतना ही नहीं, शिकायतकर्ता ने उसे पहचान भी लिया।

बहस के दौरान बचाव पक्ष ने जीआरपी की जांच पर सवाल उठाए। अदालत को बताया कि आरोपी मोहित के एक पैर का पंजा बीमारी के कारण कटा हुआ है। वह लाठी के सहारे चलता है। ऐसे में वह कैसे मोबाइल फोन छीनकर चलती ट्रेन से कूद सकता है। दूसरा, मान लिया वह कूद भी गया, क्या अगले दिन उसी जगह मोबाइल फाेन लेकर बैठेगा, जहां एक दिन पहले उसने वारदात की हो।

तीसरा, शिकायतकर्ता ने वारदात के दिन ही पुलिस को शिकायत नहीं दी बल्कि घर चला गया। अगले दिन अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया। चौथा, जब झपटमारी हुई, उस समय मौजूद किसी यात्री को गवाह नहीं बनाया गया। न ही स्टेशन पर मौजूद सीसीटीवी कैमरों की फुटेज ली गई। इससे साफ है कि चलने में असमर्थ युवक को फंसाया जा रहा है। अदालत ने मौजूद तथ्यों के आधार पर आरोपी सांपला निवासी मोहित को बरी कर दिया।

आपको बता दें 21 सितंबर 2019 को भिवानी स्थित बिड़ला कॉलोनी निवासी अजय ने जीआरपी थाना, बहादुरगढ़ में शिकायत दी कि वह दिल्ली से भिवानी पैसेंजर गाड़ी में जा रहा था। जब गाड़ी सांपला रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो एक युवक उसका मोबाइल फोन छीनकर चलती ट्रेन से कूद गया। जीआरपी बहादुरगढ़ ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ झपटमारी का केस दर्ज किया था। अगले दिन जीआरपी ने सांपला के युवक मोहित को झपटमारी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। तीन माह वह न्यायिक हिरासत के चलते जेल में रहा तभी से जिला अदालत में उसके खिलाफ केस चल रहा था। अब उसे अदालत ने आरोपमुक्त किया है।

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