हरियाणा में आज सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।इसके साथ ही सभी इमरजेंसी सेवाएं ,डिलीवरी और पोस्टमार्टम नियमित रूप से बाधित की गयी हैं। ऐसे में मरीजों को आज भारी परेशानी का समाना करना पड़ रहा है।
एसोसिएशन के रोहतक जिला प्रधान डॉ विश्वजीत राठी ने जानकारी दी कि एचसीएमएस डॉक्टर्स की मांगें पूरी न होने के कारण हरियाणा तथा रोहतक के सभी एचसीएमएस चिकित्सा अधिकारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। जब तक सरकार उनकी मांग पूरी नहीं करेगी वह नहीं मानेंगे। डॉक्टर्स ने कहा कि कई बार सरकार से वार्ता विफल हो चुकी है। डॉक्टर्स को उनका सम्मान नहीं मिल पा रहा है। जिसकी वजह से अब आंदोलन को तेज किया जा रहा है।
डॉक्टरों ने उठाई ये मांगे –
- एसोसिएशन की बॉन्ड कम करने की मांग सरकार द्वारा हां करने के बावजूद आगे नहीं बढ़ पाई है। एनईईटी पीजी एक्जाग एक महीने बाद होने वाला है, मध्यम वर्ग से आने वाले सरकारी डॉक्टरों से एक एक करोड़ की दो प्रॉपर्टी गिरवी रखवाई जाती हैं जो देने में सरकारी डॉक्टर सक्षम नहीं हैं, बॉन्ड 1 करोड़ से 50 लाख किया जाए तथा कुछ भी गिरवी न रखवा कर पोस्ट डेटेड चेक लिया जाए।
- डॉक्टरों की लंबे समय से मांग रही है कि एसीपी (एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) की फाइल जो कई वर्षों से मुख्यमंत्री से अनुमति मिलने के बाद भी सरकार के पास लंबित है, उसको जल्दी से जल्दी अमल में लाया जाए।
- केंद्र सरकार के अनुसार हरियाणा के सरकारी डॉक्टरों को भत्ते दिए जाएं, डॉक्टरों द्वारा किए जाने वाले कामों के लिए सरकार द्वारा उचित गाइडलाइन जारी की जाएं।
- स्पेशलिस्ट कैडर को लाकर सरकार जल्दी से नोटिफाई करे तथा स्पेशलिस्ट अलाउंस दिया जाए।
- डॉक्टरों की कमी की वजह से जनता तथा डॉक्टर दोनों को समस्या का सामना करना पड़ता है तथा जनसंख्या के हिसाब से डॉक्टर काफी कम हैं जिससे कार्य की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। एसोसिएशन मांग करती है कि पॉलिसी बदल कर नई पोस्ट बनाए तथा जो पद खाली हैं उनको जल्द से जल्द भरा जाए।
- डॉक्टरों के सभी रूटीन कार्यों प्रमोशन, एलटीसी, एसीपी केस, पोस्टमार्टम अलाउंस, सीसीएल छुट्टी अप्रूवल तथा अन्य कई कार्यों के लिए डीलिंग कर्मचारियों द्वारा कई जगह पैसे लिए जाते हैं। लंबे समय से यह भ्रष्टाचार डिपार्टमेंट में चल रहा है जिसकी वजह से कोई भी कार्य समय पर पैसे न देने वाले डॉक्टर या अन्य कर्मचारियों का नहीं हो पाता
- डायरेक्ट एसएमओ भर्ती कई वर्षों से बंद है, कई वर्ष बाद अचानक से अगर बड़ी संख्या में सरकार डायरेक्ट एसएमओ भर्ती करती है तो जो डॉक्टर 20 साल की नौकरी के बाद भी पहले प्रमोशन से एसएमओ तक नहीं बन पाए, उनके लिए यह अन्याय होगा। यह तरीका अगर अपनाया गया तो यह कोर्ट में भी चैलेंज होगा।
वहीं मुख्यमंत्री के चीफ़ प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजेश खुल्लर ने हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन को दोपहर 12 बजे बातचीत के लिए बुलाया।