नई दिल्ली। Google ने अपने प्ले स्टोर से कुछ भारतीय ऐप्स को रिमूव करने का फैसला लिया था। गूगल के इस फैसले का पहले स्टार्टअप के CEO और फाउंडर ने विरोध किया और फिर सरकार ने कड़ा ऐतराज जताया। इसके बाद गूगल बैकफुट पर आया और शादी डॉट कॉम समेत कई ऐप को हटाने का फैसला वापस ले लिया। बता दें अमेरिकी सर्च इंजन गूगल ने अपने प्ले स्टोर से कुछ भारतीय ऐप्स को हटा दिया था जिस पर भारत सरकार ने सख्त रुख अपना लिया। सरकार ने शनिवार को कहा कि भारतीय ऐप को हटाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
दरअसल, शुक्रवार शाम को सामने आई खबर में कहा था कि Google ने 10 भारतीय ऐप को Play Store से हटाने का फैसला लिया। इसमें Shaadi.com, Naukri.com, 99 acres जैसे नाम शामिल थे। बीते साल कंपनी ने कुछ ऐप डेवलपर को चेतावनी भी दी थी। इसके बाद बाद केंद्रीय दूसरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गूगल के इस फैसले पर सख्त रवैया अपनाया।साथ ही उन्होंने कहा कि ऐप रिमूव करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस विवाद को सुलझाने के लिए सरकार ने गूगल के साथ और ऐप मालिकों के साथ सोमवार को एक मीटिंग का भी आयोजन किया था, लेकिन मीटिंग से पहले ही Google ने अपना फैसला वापस ले लिया। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि स्टार्टअप इको सिस्टम भारतीय अर्थव्यवस्था की कुंजी है।
क्या था पूरा मामला ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला सर्विस फीस पेमेंट नहीं देने का था। इसके बाद गूगल ने प्लेटफॉर्म ने अब इन ऐप्स को रिमूव करने का फैसला लिया। दरअसल, कई स्टार्टअप चाहते थे कि गूगल की तरह से चार्ज ना लगाया जाए और फिर उन्होंने ये पेमेंट नहीं की। हालांकि ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था। गूगल के इस फैसले की आलोचना कई लोगों ने की। Kuku FM के CEO लाल चंद बिशु ने X प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करके Google की आलोचना की और उसके फैसले को गलत ठहराया। Naukri.com और 99acres के फाउंडर संजीव बिखचंदानी ने भी पोस्ट करके गूगल के प्रति अपनी नारागजगी जाहिर की थी।
इन ऐप्स पर लिया था एक्शन
Google की तरफ से कुछ ऐप्स पर एक्शन लिया था, जिनके नाम Kuku FM, Bharat Matrimony, Shaadi.com, Naukri.com, 99 acres, Truly Madly, Quack Quack, Stage, ALTT (Alt Balaji) और दो अन्य ऐप थे। आईटी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ”भारत सरकार की नीति बहुत स्पष्ट है… हमारे स्टार्टअप को वह सुरक्षा मिलेगी, जिसकी उन्हें जरूरत है। युवाओं और उद्यमियों की ऊर्जा को सही दिशा देनी चाहिए और इसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी की नीतियों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता।”