Wednesday, October 23, 2024
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रोहतक में रेलवे एलिवेटेड से प्रभावितों के लिए अच्छी खबर, मुआवजे का प्रस्ताव पास

मकान मालिकों व दुकानदारों को मुआवजे का पार्षदों और प्रतिनिधियों की मौजूदगी में सर्वसम्मत्ति से प्रस्ताव पास कर दिया गया और फ़ाइल को चंडीगढ़ भेज दिया गया है।

रोहतक। रोहतक गांधी कैंप के रेलवे एलिवेटेड से प्रभावित दुकानदारों और मकान मालिकों के लिए अच्छी खबर है। सरकार के निर्देश पर प्रभावितों को मुआवजा देने और जगह देने का रास्ता अब साफ हो गया है। मेयर मनमोहन गोयल की अध्यक्षता में दुकानदारों के लिए बनाई गई नगर निगम के पार्षदों की आवंटन कमेटी की मीटिंग हुई। कमेटी के सदस्य पार्षद राधेश्याम ढल, पार्षद प्रतिनिधि व पूर्व पार्षद अशोक खुराना व पार्षद प्रतिनिधि दीपू नागपाल की मौजूदगी में पूरे मामले पर विचार-विमर्श कर मुआवजे का प्रस्ताव पास कर चंडीगढ़ भेजा गया है।

मीटिंग में मुआवजे के रेट, प्लाट के रेट और दुकान के रेट तय कर प्रस्ताव पास किया गया। इसी प्रस्ताव के तहत पीड़ितों को मुआवजा मिलेगा। इसके बाद यह प्रस्ताव चंडीगढ़ भेजा जाएगा। साथ ही दुकानों के लिए ड्रा जल्द से जल्द करवाने के लिए भी मंथन हुआ। बैठक में तय किया गया कि आधे गज से लेकर 3 गज तक की दुकान वालों को दुकान लेने पर 25 हजार रिबेट मिलेगी। 3 गज से ज्यादा की दुकान वालों को 40 हजार की रिबेट मिलेगी। साथ ही यह भी तय किया गया कि 5 गज से कम जगह के पीड़ितों को दुकान नहीं मिलेगी, केवल मुआवजा दिया जाएगा।

रेलवे एलिवेटेड

बैठक में कमेटी ने तय किया कि 25 गज से कम मकान वालों को 30 हजार रुपये गज के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। उन्हें प्लाट नहीं मिलेगा। इसके अलावा 25 गज से ज्यादा जगह वालों को 30 हजार रुपये मुआवजा मिलेगा। उन्हें पीजीआई की 5700 गज जमीन पर प्लाट भी मिलेगा। इसके लिए 28 हजार रुपये गज के हिसाब से भुगतान करना होगा। साथ ही रेलवे ने जो उनके मकान का हिस्सा तोड़ा था। उसका खर्च पीडब्ल्यूडी के नियम के मुताबिक दिया जाएगा।

दरअसल सरकार 30 हजार प्रति वर्ग गज के हिसाब से रिहायशी जमीन लेगी और 28 हजार प्रति वर्ग गज की दर से प्लॉट देगी। रिहायशी प्रॉपर्टी में आने वाले कस्टोडियन की 3 प्रॉपर्टी, दो मंदिर, दो रास्ते, पीजीआई की दो प्रॉपर्टी और दो नगर निगम की जमीन का मुआवजा नहीं दिया जाएगा।

पार्षद प्रतिनिधि अशोक खुराना ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से प्रभावितों में जो भी मकान लेना नहीं चाहता है उसके लिए मुआवजा राशि डेढ़ गुना दिए जाने का प्रस्ताव पास किया गया है। सरकार इस प्रस्ताव पर तत्काल संस्तुति देते हुए पीड़ितों को उनका हक​ दिलाए। साथ ही सड़क का निर्माण भी तुरंत कराया जाए। ताकि आसपास की 40 हजार आबादी को आवागमन की सहूलियत मिल सके।

दरअसल, वर्ष 2017 में रेलवे ने राज्य सरकार के साथ मिलकर रेलवे स्टेशन से लेकर राजीव गांधी स्टेडियम तक एलिवेटिड रेलवे ट्रैक बनाया था। इसके लिए दुकानों और मकानों को तोड़कर जगह ली गई थी। तब से लेकर आज तक सभी प्रभावित लोग मुआवजे के लिए दर दर भटक रहे हैं। इस दौरान 77 दुकानदारों की दुकानें रेलवे एलिवेटिड के लिए ली गई थी।

गौरतलब है कि नगर निगम की तरफ से पॉवर हाउस पर कॉम्प्लेक्स तैयार किया गया है। जहां पहली और दूसरी मंजिल पर कुल 112 दुकानें बनाई गई हैं। दोनों जगह 56-56 दुकानें हैं। यह दुकानें जल्द ही गांधी कैंप के दुकानदारों को अलॉट की जाएंगी। इसके लिए ड्रा होने का इंतजार है। रेलवे ने जिनकी 37 दुकानें तोड़ी थी, उनको प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा 81 मकान मालिकों को प्लाट देने हैं। जल्द ही इस मामले में कार्रवाई कर लोगों को राहत देने के दिशा में काम किया जाएगा।

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