रोहतक : पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय(PGIMS) हरियाणा सरकार के आदेशानुसार पूरे प्रदेश के मरीजों को अब ऑनलाइन माध्यम से भी इलाज उपलब्ध करवाएगा। इससे मरीज को अपने पास के क्षेत्र से ही स्पेशलिस्ट चिकित्सक की सलाह मिलेगी और उसका समय व पैसा बचेगा।
यह कहना है पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एच.के. अग्रवाल का। वें शनिवार को पीजीआई में संस्थान के चिकित्सकों के लिए चल रही फिजिकल ट्रेनिंग में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए थे।
इस अवसर पर उपस्थित चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार नायब सिंह सैनी जी का प्रयास है कि प्रदेश के अंतिम छोर तक के व्यक्ति को भी अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। इस कड़ी में हरियाणा सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचने के लिए पीजीआई को इसका केंद्र बनाया गया है। इसलिए अब संस्थान के चिकित्सक आयुष्मान-आरोग्य मंदिर और अन्य सीएचसी व पीएचसी पर आने वाले मरीजों का टेली कंसल्टेशन से इलाज करेंगे। डाॅ.एच.के. अग्रवाल ने कहा कि बहुत जल्द यह सुविधा शुरू कर दी जाएगी, इसके लिए आज यहां पर एनएचएम हरियाणा,सीडीएसी मोहाली एवं संस्थान द्वारा फैकल्टी हेतु फिजिकल ट्ेनिंग प्रदान करवाई गई है। उन्होंने कहा कि एनएचएम हरियाणा द्वारा इसके लिए सहयोग किया जा रहा है। डाॅ. अग्रवाल ने कहा कि उन्हें काफी खुशी है कि प्रदेश के हर व्यक्ति को अब उसके घर के पास से ही उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधा मिल पाएगी अन्यथा लोगों को बहुत दूर-दूर से संस्थान में आना पडता था, जिसके चलते उन्हें काफी समय के साथ पैसा का भी नुकसान होता था।
विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. कुंदन मित्तल ने बताया कि इससे पहले भी सी-डैक मोहाली द्वारा चिकित्सकों को ऑनलाइन ट्रेनिंग प्रदान की थी और आज यहां विभिन्न विभागों के चिकित्सकों को आज यहां संस्थान में आकर प्रशिक्षण प्रदान किया गया है ताकि उन्हें ऑनलाइन इलाज में कोई समस्या ना आए। डाॅ. कुंदन मित्तल ने बताया कि यह सुविधा पूरे सप्ताह सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन इलाज शुरू होने पर प्रतिदिन दस विभागों के चिकित्सक एक जगह बैठकर ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से मरीजों का इलाज करेंगे।
नोडल अधिकारी डाॅ. सुखबीर सिंह ने बताया कि अभी शुरुआत में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, शिशु रोग विभाग, मेडिसिन, सर्जरी, ऑर्थो, नेत्र विभाग, मनोरोग, ईएनटी, चर्म रोग विभाग द्वारा अपनी सेवाएं मरीजों को प्रदान की जाएंगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए आज करीब दो दर्जन चिकित्सकों को यह प्रशिक्षण दिया गया।