कुरुक्षेत्र। अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव हरियाणा के कुरुक्षेत्र में चल रहा है और इस महोत्सव में विभिन्न राज्यों की लोक कला और संस्कृति जीवंत हो रही है। धर्मनगरी के ब्रह्मसरोवर तट पर लघु भारत का नजारा पर्यटकों को लुभा रहा है। ब्रह्मसरोवर के घाटों पर विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे है। यहां 800 से ज्यादा शिल्पकार पहुंचे हैं, जिनकी कला को देख हर कोई हैरान है। इन राज्यों के कलाकार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर 24 दिसंबर तक लोगों को अपने-अपने प्रदेशों की लोक कला के साथ जोड़ने का प्रयास करेंगे। इस महोत्सव पर आने के लिए देश का प्रत्येक कलाकार आतुर रहता है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर बुधवार को विभिन्न राज्यों की कला का संगम उमड़ा और विभिन्न राज्यों की कला के संगम के बीच कलाकार अपने-अपने राज्य की कला का बखूबी बखान किया। कलाकारों का कहना है कि आज के आधुनिक जमाने में भी उन्होंने अपनी कला को जिंदा रखा है, कला के माध्यम से ही आज वह भी जिंदा है और अपनी कला को विदेशों तक पहुंचा रहे हैं। विदेशों की धरती पर भी उनकी कला ने उनका नाम रोशन किया है। गीता महोत्सव में पहुंचे कलाकारों का कहना था कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव एक ऐसा जरिया है, जहां पर जहां पर वह पहुंचकर अपनी कला का बखूबी मंचन करते हैं।
विभिन्न राज्यों की अलग-अलग कलाकारों ने कहा कि अब वह फिर से गीता महोत्सव में पहुंचकर अपनी कला को आमजन को दिखाने का काम कर रहे हैं। गीता महोत्सव में फिलहाल ब्रह्मसरोवर के घाटों पर जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, मिजोरम, मेघालय, असम, त्रिपुरा, लद्दाख, वेस्ट बंगाल आदि राज्यों के कलाकार लोक नृत्य के माध्यम से अपने-अपने प्रदेशों की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने का काम कर रहे हैं।
सात दिसंबर से शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के मुख्य कार्यक्रमों का आयोजन 17 दिसंबर से होना है, जिसका शुभारंभ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे। अब संभावना जताई जा रही है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसमें शरीक होंगे। भले ही इनके कार्यक्रम अभी तय नहीं हुए हैं, लेकिन कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि वे मुख्य कार्यक्रमों के दौरान ही 22 या 23 दिसंबर को पहुंच सकते हैं।
महोत्सव के मुख्य कार्यक्रमों के मंच सजाए जाने लगे हैं। ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में जहां मुख्य मंच होगा, वहीं इसके समक्ष ही स्टेट पार्टनर असम का पवेलियन भी तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही हरियाणा पवेलियन सजाया जाएगा। पुरुषोत्तमपुरा बाग में ही जनसंपर्क विभाग की हाईटेक प्रदर्शनी होगी तो वहीं समीप ही पहली बार हरियाणा सरस्वती हरिटेज बोर्ड द्वारा भी पहली बार प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
इसके लिए भी तैयारियां शुरू की जा चुकी हैं। मुख्य आयोजन से पहले जहां फिल्म अभिनेत्री भाग्यश्री 20 दिसंबर को तो वहीं महाभारत धारावाहिक में श्रीकृष्ण की भूमिका निभाने वाले कलाकार नितीश 23 दिसंबर को प्रस्तुति देंगे। इस लोक कला और संस्कृति को देखने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक कुरुक्षेत्र पहुंच रहे हैं। उधर, केडीबी मानद सचिव उपेंद्र सिंघल का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्री और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन अभी अधिकारिक रूप से अंतिम कार्यक्रम तय नहीं हो पाया है।
महोत्सव के दौरान ब्रह्मसरोवर तट पर विभिन्न प्रदेशों के लजीज व्यंजनों का भी पर्यटक लुत्फ उठा रहे हैं। इनमें राजस्थान की कचोरी, पंजाब की लस्सी, बिहार का लिट्टी चोखा, कश्मीर का कहवा व अन्य प्रदेशों के भी खास व्यंजन शामिल हैं। यहीं नहीं अब असम पवेलियन में असम तो हरियाणा पवेलियन में हरियाणा के भी लजीज व्यंजन पर्यटकों को मुख्य कार्यक्रमों के दौरान मिल सकेंगे। इसके साथ-साथ पर्यटक विभिन्न प्रदेशों की शिल्पकला से सजे स्टॉलों पर भी जमकर खरीदारी कर रहे हैं और शिल्पकारों की शिल्पकला की भी जमकर प्रशंसा कर रहे हैं।