भारतीय सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की 29 दिसंबर को 81वीं बर्थ एनिवर्सरी है। हिंदी सिनेमा जगत में काका का अलग ही स्वैग और चार्म था। साल 1969 से लेकर साल 1975 में राजेश खन्ना का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा था। इस दौर में उनकी एक भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप नहीं हुई। काका का स्टारडम कुछ इस कदर था कि उस दौर में पैदा हुए अधिकतर लड़कों का नाम उनके परिजनों ने राजेश रख दिया था।
राजेश खन्ना ऐसे पहले भारतीय एक्टर रहे, जिन्होंने लगातार 15 सोलो हीरो वाली हिट फिल्में दी थीं। लड़कियां उनकी फिल्में थिएटर में देखने से पहले ब्यूटी पॉर्लर में संजने-संवरने जाती थीं। उनके बंगले पर लड़कियों के खूब प्यार भरे खत आते थे। राजेश खन्ना के लिए लड़कियों की दीवानगी कुछ इस तरह थी कि वो अपने खून से खत लिखकर उन्हें भेजती थीं। राजेश खन्ना के लिए आम आदमी की तरह घर से अकेले बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया था।
लगातार 15 हिट फिल्में देने वाले राजेश खन्ना से स्टारडम संभले नहीं संभल रहा था। वो सोचने लगे कि उनकी कुछ फिल्में फ्लॉप भी हो जाएं। वो 14 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट हुए और 3 बार यह अवॉर्ड उन्होंने अपने नाम भी किया।
साल 1969 में राजेश खन्ना और शर्मीला टैगोर की फिल्म आराधना रिलीज हुई। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था। इस फिल्म ने ही राजेश खन्ना को रातोंरात स्टार बना दिया था। 1969 में रिलीज होने पर बॉक्स ऑफिस पर 17.85 करोड़ की कमाई की थी, जो आज के हिसाब से कमाई के मामले में RRR को भी टक्कर देती है। खुद एक इंटरव्यू के दौरान शर्मिला टैगोर ने कहा था कि हमारी फिल्म आराधना आज के जमाने की RRR थी।
ये भी पढ़ें- पति ने पत्नी से एक कप चाय मांगी भड़की पत्नी, कर दिया आंखों पर वार और मौके से हुई फरार
ये फिल्म 100 दिनों से ज्यादा तक थिएटर्स में चलने वाली पहली हिंदी फिल्म बन गई थी। उस वक्त आराधना’ साउथ के सिनेमाघरों में तीन साल यानी 1095 दिनों चलती रही।