गरिमा टाइम्स न्यूज.रोहतक : स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में नगर निगम की अव्यवस्था भारी पड़ सकती है। शहर में जगह-जगह कचरा फैला रहता है। शिकायत करने पर आम लोगों को असभ्य जवाब मिल रहे हैं। नगर निगम कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत मिले संसाधनों का सही ढंग से प्रयोग नहीं कर पा रहा है। एक साल पहले मिले टिपर एक साल से बिना ड्राइवर श्रीराम रंगशाला में जंग खा रहे हैं।
केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की तरफ से हर साल स्वच्छता सर्वेक्षण कराया जाता है। 5 से 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों में शामिल रोहतक शहर का पिछले साल जुलाई व अगस्त में केंद्रीय स्वच्छता टीम ने सर्वेक्षण किया था। टीम गुप्त तरीके से फील्ड में गई। लोगों से कॉल कर फीडबैक भी लिया। जनवरी 2024 में सर्वेक्षण का परिणाम घोषित किया गया है। इसमें रोहतक नगर निगम को प्रदेश में नंबर वन रैंकिंग तो मिली, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर रेकिंग 2022 के मुकाबले 71 पायदान गिरकर 109 पर पहुंच गई थी। इसके नौ माह बाद भी रोहतक निगम प्रशासन ने सबक नहीं लिया। अब भी शहर में जगह-जगह कचरा फैला रहता है।
स्वच्छता एप पर आ रही रोजाना 25 शिकायतें
नगर निगम की तरफ से स्वच्छता एप बनाई गई है, इस पर आम लोग कचरे का फोटो व शिकायत डाल सकते हैं। एप के ऊपर प्रताप नगर से शिकायत में कहा कि कूड़ा उठाने ट्रैक्टर-ट्रॉली वाले नहीं आ रहे हैं। जवाब मिला कि कूड़ा करते ही क्यों हो, जब उठाना नहीं आता। कूड़े वाली गाड़ी हर दो दिन में आती है ना। दूसरा जवाब मिला, अपने आप उठवा लो दिहाड़ी के मजदूर ले आओ। तीसरा जवाब मिला कि ऑफिस में आकर बात करो, रूम नंबर 24 में शिकायत भी करें।