किसान आंदोलन की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर आज मानसा में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सभी किसान संगठनों ने जिला अदालत में धरना दिया और केंद्र सरकार से किसानों की मांगों को लागू करने की मांग की और भुगतान भी किया किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। इस बीच जगजीत सिंह डल्लेवाल की गिरफ्तारी की भी किसान नेताओं ने कड़ी निंदा की।
26 नवंबर 2020 को किसान कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए दिल्ली के लिए रवाना हुए। इसके बाद किसानों ने करीब डेढ़ साल तक दिल्ली में धरना दिया और केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को रद्द करने का ऐलान किया। आज किसान आंदोलन की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान संगठनों ने जिला अदालत में उपायुक्त कार्यालयों के बाहर धरना दिया और एक मांग पत्र भेजा।
इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि आज किसान आंदोलन की चौथी सालगिरह है और इस दौरान शहीद किसानों की पूजा भी की जा रही है और इसके अलावा केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान किसानों से एमएसपी लागू करने का वादा किया था। वह वादा अभी तक केंद्र सरकार ने पूरा नहीं किया है।
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इसके अलावा विद्युत अधिनियम का निजीकरण न करने का वादा किया गया था और ये मांगें अभी भी लंबित हैं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में चार किसान और एक पत्रकार शहीद हो गये। किसानों द्वारा अपना न्याय पाने के लिए प्रदर्शन भी किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने जल्द ही इन मांगों को लागू नहीं किया तो आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शन तेज किया जाएगा। इस बीच भारतीय किसान यूनियन सिद्धुपुर के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाल की गिरफ्तारी पर बोलते हुए पंजाब किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रुलदू सिंह ने कहा कि हमें मरने का अधिकार भी नहीं दिया जा रहा है, जबकि सरकार को देना चाहिए। उन्होंने जगजीत सिंह दल्लेवाल की गिरफ्तारी की भी कड़ी निंदा की।