किसानों को खाद के साथ-साथ अन्य कृषि उत्पाद जबरन बेचने की गतिविधियों को रोकने के लिए पंजाब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा चार टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों की निगरानी संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी करेंगे।
पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां ने आज यहां अपने कार्यालय में माझा किसान संघर्ष समिति के साथ बैठक के बाद इन टीमों के गठन के निर्देश दिए।
कृषि मंत्री ने माझा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष बलविंदर सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि पंजाब के पास आगामी रबी सीजन के लिए पर्याप्त मात्रा में डीएपी/एनपीके/एसएसपी है। उपलब्ध है क्योंकि पंजाब के पास पर्याप्त डीएपी है। तथा अधिक फॉस्फेटिक उर्वरक प्राप्त हो रहे हैं।
किसानों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा उर्वरक के साथ अन्य कृषि उत्पादों की जबरन बिक्री के मामले के संबंध में। गुरमीत सिंह खुडियां ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार हमारे किसानों का शोषण बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि जो कोई भी किसानों को उर्वरक के साथ-साथ अन्य अतिरिक्त उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर करने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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इस दौरान विशेष मुख्य सचिव (कृषि) श्री के.ए.पी. सिन्हा ने कहा कि पंजाब में करीब 35 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई होने की संभावना है, जिसके लिए करीब 5.50 लाख मीट्रिक टन डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि पिछले महीने उन्होंने आगामी रबी सीजन के लिए पंजाब के किसानों के लिए उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री के साथ बैठक की थी।
गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी की मांग पर बात करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य ने 27 सितंबर को राज्य गन्ना नियंत्रण बोर्ड के साथ बैठक तय की है। सभी मिलें तय समय पर पेराई शुरू कर देंगी। उन्होंने यह भी बताया कि बटाला सहकारी चीनी मिल की क्षमता 1500 टीसीडी से बढ़ाकर 3500 टीसीडी कर दी गई है।
बैठक में शुगरफैड के एम.डी. श्रीमती सेनु दुग्गल, निदेशक कृषि जसवन्त सिंह और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।