Friday, May 17, 2024
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गणतंत्र दिवस परेड में लगातार तीसरी बार हरियाणा की झांकी को मिला स्थान, इस विशेष थीम पर होगी आधारित

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हरियाणा की कई योजनाओं का दूसरे राज्य भी अब अनुसरण कर रहे हैं और केन्द्र सरकार ने भी अपनाया है। इस बार की हरियाणा की झांकी भारत सरकार के थीम - ‘विकसित भारत’ के साथ सटीक बैठती है, जिसमें विरासत और विकास का सामंजस्य दिखाई देगा।

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चण्डीगढ़। गणतंत्र दिवस परेड में लगातार तीसरी बार हरियाणा की झांकी को स्थान मिला है। हर बार की तरह अबकी बार भी गणतंत्र दिवस समारोह यानी 26 जनवरी को हरियाणा की झांकी को एक विशेष थीम “मेरा परिवार मेरी पहचान “पर प्रदर्शित किया जाने वाला है। रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ कमेटी द्वारा कर्तव्य पथ पर प्रदर्शन के लिए तीसरी बार हरियाणा की झांकी का चयन किया गया है।

 भारत सरकार के थीम – ‘विकसित भारत’

हरियाणा ऑनलाइन सेवाओं के लिए पहले ही देश भर में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के महानिदेशक, मंदीप सिंह बराड़ ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में बताया कि ‘मेरा परिवार-मेरी पहचान” कार्यक्रम की शुरुआत आम जन को घर द्वार पर सरकारी सुविधाएं व सेवाएं उपलब्ध कराने को लेकर की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल इनोवेटिव सोच के साथ प्रदेश में अनूठी योजनाएँ लागू कर हरियाणा को विकास की राह पर आगे बढ़ा रहे हैं। हरियाणा की कई योजनाओं का दूसरे राज्य भी अब अनुसरण कर रहे हैं और केन्द्र सरकार ने भी अपनाया है। इस बार की हरियाणा की झांकी भारत सरकार के थीम – ‘विकसित भारत’ के साथ सटीक बैठती है, जिसमें विरासत और विकास का सामंजस्य दिखाई देगा।

लोकतंत्र के सार से होगी झांकी की शुरुआत

महानिदेशक बराड़ ने बताया कि झांकी की लोकतंत्र के सार से शुरुआत की गई है जिसमें शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, औद्योगिकीकरण तथा हिसार के राखी गढ़ी में मिले प्राचीन सभ्यता के खजाने को दर्शाया गया है। झांकी में परिवार पहचान पत्र के माध्यम से लाभार्थियों के दरवाजे पर सरकारी योजनाओं का सीधे लाभ प्रदान करने का डिजिटल प्लेटफार्म दर्शाया गया है। फूलों की खेती के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के अवसरों को भी दर्शाया गया है। झांकी में सबसे आगे हाथ में टैबलेट लिए एक छात्रा को दर्शाया गया है, जो मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जमीनी स्तर पर डिजिटल इंडिया मुहिम को मूर्त रूप देने की सोच के अनुरूप राज्य की सफलता का प्रतीक है।

परिवार पहचान पत्र के लाभ

उन्होंने बताया कि झांकी के मध्य में गोलाकार किनारे पर परिवार पहचान पत्र के लाभों को दर्शाया गया है, जिसके माध्यम से लोगों को सभी सरकारी सुविधाएँ जैसे राशन वितरण, कृषि सब्सिडी, छात्रवृत्ति, चिकित्सा सहायता और बुजुर्गों के लिए पेंशन योजना आदि के लाभ आसानी से मिल रहे हैं। झांकी में फूलों के खेत में काम कर रही महिला किसानों के समूह को भी दर्शाया गया है, जो अपने आप में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है।

महानिदेशक बराड़ ने बताया कि झांकी के दोनों किनारों पर हिसार के राखीगढ़ी में खुदाई से प्राप्त सबसे प्राचीन सभ्यता के भित्तीय चित्र बने हुए हैं। वहीं झांकी का पिछला भाग नए भारत की भावना का प्रतिनिधित्व करता नजर आ रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर नए उन्नत भारत के गौरव का जश्न मनाया जा रहा है। विकसित हरियाणा में मेट्रो प्रणाली, शहरी विकास का अनूठा मॉडल, औद्योगिकीकरण, आईटी हब के रूप में पहचान बना चुका हरियाणा, आधुनिक इन्फ्रास्टैक्चर विकसित करने में अग्रणी हरियाणा की तस्वीर प्रदर्शित की गई है।

अटल सेवा केंद्र पोर्टल बना लाभकारी

महानिदेशक ने बताया कि परिवार पहचान पत्र के माध्यम से कोई भी व्यक्ति सरकारी कार्यालय के चक्कर काटने की बजाय अपने नजदीकी क्षेत्र से ही सेवाओं का लाभ ले पाए इसलिए कॉमन सर्विस सेंटर, जिन्हें अटल सेवा केंद्र के नाम से जाना जाता है, खोले गए हैं। उन्होंने बताया कि यह ऐसी योजना है जिसमें व्यक्ति को योजना का लाभपात्र होने की तिथि से ही लाभ मिलने लगता है। उदाहरण के तौर पर व्यक्ति की आयु 60 वर्ष होने पर उसे वृद्धावस्था पेंशन के लिए पोर्टल से ही पात्र मान लिया जाता है और उसकी सहमति लेकर पेंशन ऑटोमैटिक तौर पर शुरू की जाती है। इसी तरह यदि कोई युवा 18 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है तो उसके पास मैसेज पहुंच जाता है कि मतदाता बनने के लिए आप पात्र हैं और आवेदन करने पर उसे मतदाता के रूप में पंजीकृत करते हुए उसका वोटर कार्ड बना दिया जाता है।

 ‘अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव’ थीम

महानिदेशक ने बताया कि रक्षा मंत्रालय की गठित विशेषज्ञ कमेटी द्वारा प्रतिवर्ष राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों व मंत्रालयों की झांकियों के चयन की प्रक्रिया नवंबर माह में शुरू की जाती है जिसमें सभी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश व मंत्रालय अपनी-अपनी थीम पर झांकी संबंधित जानकारी विशेषज्ञ कमेटी के समक्ष रखते हैं। विशेषज्ञ कमेटी प्रासंगिकता और केन्द्र सरकार द्वारा सुझाए गए थीम के आधार पर झांकियों का चयन करती है। महानिदेशक बराड़ ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि लगातार तीसरी बार हरियाणा की झांकी गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बन रही है। गत वर्ष गणतंत्र दिवस पर हरियाणा ने ‘अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव’ थीम पर भगवान श्री कृष्ण के विराट स्वरूप को लेकर झांकी प्रदर्शित की थी। इससे पहले, हरियाणा खेलों में अपनी उपलब्धियों को दर्शाते हुए ‘खेलों में नंबर वन हरियाणा’ थीम पर अपनी झांकी प्रदर्शित कर चुका है।

हरियाणा भौगोलिक दृष्टि से भले ही छोटा राज्य हो लेकिन उद्योग, कृषि और विविध प्रकार के व्यवसाय के लिए देश में सदैव अग्रणी पंक्ति में रहा है। महानिदेशक बराड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की दूरदर्शी सोच के चलते हरियाणा राज्य ने देश को विकसित भारत बनाने के स्वप्न को साकार करने के लिए आधारभूत संरचना तैयार करने सहित कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं। इस वर्ष हरियाणा राज्य की झांकी नए भारत को प्रदर्शित कर रही है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शानदार मार्गदर्शन में आगे बढ़ रहा है।

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