Ferozepur News: सरकारी धन हड़पने वाले ठगों द्वारा नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, लेकिन इस बार एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जिसने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। यहां तक कि गूगल मैप्स भी अब यह पता लगाने में संघर्ष कर रहा है कि फिरोजपुर में न्यू राजो की गट्टी गांव कहां है।
कुछ सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने सरकारी पैसे हड़पने के लिए फिरोजपुर की सीमा के पास एक गांव न्यू गट्टी राजो के नाम से फर्जी गांव बसाया और फिर कागजों में इस गांव में फर्जी गांव बना दिया। सरकार ने कागजों पर ही अपने विकास कार्य शुरू कर दिए और केंद्र सरकार से 45 लाख रुपये का अनुदान लेने की भी जहमत नहीं उठाई।
यह मामला करीब पांच साल पहले का है जब पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी। एक व्यक्ति को इस घोटाले की भनक लगी और उसने 2019 में आरटीआई के माध्यम से संबंधित विभाग से जानकारी मांगी, लेकिन जानकारी के बजाय उसे धमकियां मिलती रहीं।
अब इतने वर्षों के बाद जब उन्होंने आरटीआई के माध्यम से जानकारी हासिल की तो पता चला कि कार्यालय में कार्यरत तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों व कर्मचारियों ने कागजों पर ही पूरा नया गांव बना दिया और कागजों पर ही गांव का विकास करते रहे। इस दौरान केंद्र सरकार से मिलने वाली करीब 45 लाख रुपये की ग्रांट छीन ली गई।
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इस घटना की जानकारी देते हुए ब्लॉक समिति सदस्य गुरदेव सिंह ने बताया कि अधिकारियों ने लाखों रुपए की ठगी करने के लिए फर्जी गांव बनाया था और विकास के नाम पर लाखों रुपए हजम करने के बाद कागजों को दफ्तर की फाइलों के नीचे दबा दिया था, लेकिन सालों बीत गए। जाते समय उन्होंने इन अधिकारियों को नहीं छोड़ा और सबके सामने सच्चाई उजागर कर दी।
मामले का खुलासा होने के बाद एडीसी विकास लखविंदर सिंह रंधावा ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और इस धोखाधड़ी में शामिल किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहां के ग्रामीणों ने बताया कि फिरोजपुर में न्यू गट्टी राजो नामक गांव जरूर है, लेकिन न्यू गट्टी नाम का कोई गांव नहीं है और न ही इस गांव में उस समय किसी प्रकार का विकास कार्य हुआ है।