Ind-Pak fight: भारत-पाकिस्तान युद्ध के बीच उत्तराखंड में साइबर अटैक की आशंका बनी हुई है. इसी को देखते हुए एसटीएफ ने अपने साइबर कमांडों को सक्रिय कर दिया है. इसके लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है जो हर तरह की वेब गतिविधियों पर नजर रख रही है.
Ind-Pak fight: प्रदेशवासियों के लिए एक एडवाइजरी
एसटीएफ की ओर से प्रदेशवासियों के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की गई है. लोगों को जानकारी दी गई है कि लोगों को ऐसे माहौल में क्या सावधानी बरतनी चाहिए इन सब बातों को बताया गया है. बीते दिनों एसटीएफ ने शामिल किए गए चार साइबर कमांडो को इस निगरानी तंत्र की जिम्मेदारी सौंपी है. साइबर कमांडो के साथ इस टीम में 10 अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है. ये सभी जागरूकता से लेकर हर संभावित हमले को नाकाम करने के लिए काम करेंगे.
सोशल मीडिया पर मौजूद ऐसे सभी वेब पेज को ब्लॉक किया जा रहा है जो संदिग्ध लग रहे हैं. इसके साथ ही लालच और कमाई वाले लिंक और पेज को भी ब्लॉक करने का निर्देश हैं. गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान युद्ध के बीच साइबर अटैक की भी आशंका जताई जा रही है. दुश्मन अपने हैकर्स की सहायता से सरकारी वेब सिस्टम पर हमला कर सकता है.
बीते साल भी हुआ था वेब सिस्टम हमला
बीते साल भी उत्तराखंड पर बेव सिस्टम हमला हुआ था. कई दिनों तक सभी सरकारी वेबसाइट को इस हमले के बाद बंद रखा गया था. कुछ सरकारी पोर्टलों का डाटा चोरी किया गया था.
एसटीएफ ने जारी की एडवाइजरी
- केवल ऑफिशियल जानकारी ही शेयर करें : केवल सरकारी स्रोतों, अधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स और मान्यता प्राप्त एजेंसियों से प्राप्त सूचना ही साझा करें.
- समाचार के तथ्यों की जांच : किसी भी फोटो, वीडियो या समाचार को शेयर करने से पहले उसकी पुष्टि सरकारी स्रोतों से करें.
- फर्जी खबरों की रिपोर्ट करें : संदिग्ध पोस्ट या अकाउंट की रिपोर्ट तत्काल साइबर हेल्पलाइन और संबंधित एजेंसियों को करें.
- सोचें समझ कर पोस्ट करें : कुछ भी पोस्ट करने से पहले उसके प्रभाव पर जरूर विचार करें. इसके बाद ही उसे पोस्ट करें.
ये काम ना करें-
- सेना की गतिविधियों या तैनाती की जानकारी शेयर न करें.
- असत्यापित या भड़काऊ सूचनाएं प्रसारित न करें : इससे आप अनजाने में फेक न्यूज फैलाने में दुश्मन की मदद कर सकते हैं.
- अनजाने बैंक खाते : तनाव का समय है, इसका फायदा साइबर अपराधी उठा सकते हैं. ऐसे में कोई सरकार की मदद के लिए बैंक खाता प्रसारित हो तो उसकी जांच कर लें.
- अनजाने ईमेल लिंक और अटैचमेंट : इस तरह के लिंक और ईमेल में वायरस या स्पाईवेयर (जासूसी) हो सकता है.
- कोई भी गलत एप डाउनलोड न करें : अनाधिकृत स्रोतों से कोई भी एप डाउनलोड न करें.