किसान आंदोलन का आज सातवां दिन है। पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनुरी बॉर्डर पर लगातार किसान डटे हुए हैं, जिन्हें हरियाणा सरकार बैरिकेडिंग लगाकर दिल्ली जाने से रोक रही है। देर रात हुई बैठक में केंद्र सरकार ने किसानों को एक प्रस्ताव दिया है, जिस पर किसान आज विचार करेंगे और कल फैसला लेंगे कि उन्हें दिल्ली की ओर बढ़ना है या केंद्र का प्रस्ताव मंजूर है।
चंडीगढ़ में केंद्र-किसानों की चौथे दौर की बैठक रविवार देर रात खत्म हो गई। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमारी बातचीत सकारात्मक रही। हमने किसानों को दाल, कपास और मक्का की फसलें 5 साल तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का प्रस्ताव दिया है। इस पर किसानों ने कहा कि वे 21 फरवरी को विचार कर अपना फैसला सुनाएंगे।
हरियाणा में BPL कार्ड वालों के लिए आई बुरी खबर, अब राशन मिलना होगा मुश्किल
उधर, बैठक के बाद पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव ने कहा कि हम सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। हम आज सुबह या शाम या कल तक इस पर फैसला लेंगे। मंत्री ने कहा कि वह दिल्ली में बातचीत के जरिये हमारी अन्य मांगों पर भी विचार करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी सभी मांगों पर अभी तक सरकार से चर्चा नहीं हुई है। हम अगले दो दिनों (19-20 फरवरी) में सरकार के प्रस्ताव पर विचार करेंगे। इसके बाद हम 21 फरवरी को होने वाले दिल्ली चलो मार्च के बारे में फैसला लेंगे। हम भी सरकार के साथ बैठकर समाधान निकालना चाहते हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की पंजाब इकाई की बैठक लुधियाना में हुई। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि 22 फरवरी तक पंजाब के सभी टोल फ्री कर दिए जाएंगे। बीजेपी के बड़े नेताओं के घरों का किया जाएगा घेराव। हिसार के खनुरी बॉर्डर पर किसानों का समर्थन करने जा रहे किसान नेता सुरेश कोथ और रवि आजाद को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उनकी रिहाई के लिए किसानों ने हिसार में जोरदार मोर्चा खोल रखा है।