Monday, November 25, 2024
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हरियाणा में किसानों का धरना -प्रदर्शन खत्म, राज्यपाल से मुलाकात कर रखी मांगे

किसानों के प्रतिनिधि मंडल संयुक्त किसान मोर्चा ने आज हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात की और किसानों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा गया।

चंडीगढ़। हरियाणा में आज किसानों का धरना -प्रदर्शन खत्म हो गया है। किसानों का दल पिछले तीन दिनों से पंचकुला में धरने पर था । इसी के तहत किसानों के प्रतिनिधि मंडल संयुक्त किसान मोर्चा ने आज हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात की और किसानों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा गया। राज्यपाल से मिलने के बाद पंचकुला में चल रहा तीन दिवसीय धरना किसानों ने खत्म कर दिया है। किसान 11 दिसंबर तक सरकार के फैसले का इंतजार करेंगे और इस दिन ही संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की बैठक करके आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

आपको बता दें कि राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया गया और इस प्रतिनिधिमंडल ने ही राज्यपाल से बातचीत की। पुलिस की ओर से आंदोलन को देखते हुए चार जिलों की फोर्स तैनात की गई थी। फिलहात किसानों ने संयुक्त किसान यूनियन के आह्वान पर धरना खत्म कर दिया है। वहीं लगभग 1000 किसान पंचकूला में एकत्रित हुए थे। किसानों के महापड़ाव को देखते हुए सरकार की ओर से किसानों को बातचीत का न्यौता दिया गया था और सरकार की तरफ से 18 किसान नेताओं के नाम देने के लिए कहा गया था। किसानों ने आज दोपहर करीब 12 बजे के समय राज्य के राज्यपाल से मुलाकात की।

पंचकूला में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान-मजदूर महापड़ाव में लगभग 15 किसान संगठन भाग ले रहे हैं। हरियाणा किसान मंच, BKU टिकैत, जय किसान आंदोलन, अखिल भारतीय किसान सभा, गन्ना किसान संघर्ष समिति, भारतीय किसान संघर्ष समिति, अखिल भारतीय किसान महासभा, राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ, भारतीय किसान पंचायत, भारतीय किसान यूनियन आदि मिलकर महापड़ाव कर रहे हैं।

किसानों की मांगे
  • एमएसपी पर फसल खरीद की गारंटी: किसान संगठनें चाहती हैं कि सरकार एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइस) पर फसलों की खरीद की गारंटी दे, ताकि किसानों को न्यायपूर्ण मूल्य मिल सके।
  • लखीमपुर खीरी हत्याकांड में न्याय: किसानों की मुख्य मांगों में शामिल है कि लखीमपुर खीरी हत्याकांड में हुई शहादतों के लिए न्याय हो, और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
  • कर्ज मुक्ति: किसान संगठनें किसानों के ऊपर बढ़ते कर्ज से मुक्ति मांग रही हैं, ताकि उनका आर्थिक बोझ कम हो।
  • प्राइवेट बिजली बिल रेडकरो: किसानों की मांगों में शामिल है कि प्राइवेट बिजली कंपनियों के खिलाफ उच्च बिलों को कम करने के लिए कदम उठाए जाएं।
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