कुरुक्षेत्र : डा. सत्येंद्र यादव ने कहा कि फसलों पर कीटनाशक दवाओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए। यह मधुमक्खी और पालकों के लिए नुकसानदायक है।
उन्होंने बताया कि परागण की प्रक्रिया उन फलों, सब्जियों या अनाजों को उगाने में प्रमुख भूमिका निभाती है जो हम खाते हैं। मधुमक्खियां पराग को एक पौधे से दूसरे पौधे तक ले जाने में मदद करती है। जब मधुमक्खी किसी फूल पर बैठती है तो परागकण उसके पैरों और पंखों पर चिपक जाते हैं और जब वह उड़करर दूसरे पौधे पर बैठती है तो ये परागकण उस पौधे में जाकर खाद बनाते है। इससे फल और बीज पैदा होते है।
उपरोक्त जानकारी एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र रामनगर में आयोजित गोष्ठी में प्रमुख डॉ. सत्येंद्र यादव ने दी उन्होंने बताया कि किसानों को फसलों पर ज्यादा कीटनाशक दवाओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए यदि करना भी है तो सुबह के समय या फिर शाम के समय स्प्रे कर सकते है क्योंकि स्प्रे मधुमक्खियों के लिए नुकसानदायक है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के कई जिले जैसे रेवाड़ी महेंद्रगढ़ में किसान कीटनाशक दवाओं का प्रयोग बहुत कम करते है जिसके कारण वो मधुमक्खियों के परागण में कारगर साबित हो रहे है। इस अवसर पर डा. नेहा ,डा. चांद, मुकेश,राजेश सैनी,राजसिंह के इलावा कई मधुमक्खी पालक उपस्थित रहे।