Wednesday, December 24, 2025
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खेत में सौर ऊर्जा से सिंचाई करने के लिए किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान पर दिए जा रहे पंप, जानें- प्रोसेस  

Rohtak News : अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने बताया कि हरियाणा सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा खेती की सिचांई में सोलर पम्प सैट को बढ़ावा देने हेतू 75 प्रतिशत अनुदान सहित 3 एचपी से 10 एचपी के लगभग 8050 सोलर पंप कनेक्शन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। सोलर पम्प सैट प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता सरकार के सरल पाेर्टल पर 25 से 29 दिसम्बर 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। योजना के तहत अनुदान सहित सोलर पंप सेट लगवाने के लिए केवल वही किसान पात्र होंगे, जो खेती की सिंचाई केवल सूक्ष्म विधि/पाइप लाइन द्वारा करते हैं।

नरेंद्र कुमार ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों एवं पात्रता शर्तों में परिवार पहचान पत्र, आवेदक के नाम पर बिजली पंप का कनेक्शन नहीं हो, आवेदक के नाम पर कृषि भूमि की जमाबंदी/फर्द, हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के सर्वेक्षण के अनुसार भूजल स्तर 100 फीट से नीचे वाले गांवों में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना अनिवार्य है तथा अन्य को भूमिगत पाइप लाइन या सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली को लगाना अनिवार्य होगा। धान उगाने वाले क्षेत्रों मं एचडब्ल्यूआरए की रिपोर्ट के आधार पर 40 मीटर से नीचे भूजल स्तर गिरने पर किसान योजना का पात्र नहीं होंगे। सौलर पम्प की स्कीम 2025-26 की नियम व शर्तों की विस्तृत जानकारी के लिए विभाग की वेबसाइट देखें।
अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार ने बताया कि वर्ष 2019 से 2023 तक एक एचपी से 10 एचपी बिजली आधारित कृषि टयूबवैल के लिए आवेदन करने वाले सभी किसान पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पम्प में प्राथमिकता के लिए अपने बिजली आधारित कृषि टयूबवैल की आवेदन संख्या वैबसाइट पर अपने आवेदन के साथ दर्ज करें।
उन्होंने बताया कि प्रतिक्षा सूची में मौजूद सभी पुराने आवेदक यदि मौजूदा सोलर पम्प के प्रकार व क्षमता को बदलना चाहते हैं तो नई उपलब्ध 12 श्रेणियों में से किसी सोलर पम्प को लेना चाहते हैं तो वे उसी फैमिली आईडी का प्रयोग करते हुए नया आवेदन जमा करें। आवेदकों को अपनी पसंद के अनुसार उपलब्ध श्रेणी के सोलर पम्प के प्रकार और क्षमता का चयन करना होगा तथा चयनिम श्रेणी में नए सूचीबद्घ किए गए विक्रेताओं में से किसी एक विक्रेता को चुनना होगा।
नरेंद्र कुमार ने बताया कि ऐसे आवेदकों को उत्पन्न हुए चालान के अनुसार अपने लाभार्थी हिस्से को जमा करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि उनका लाभार्थी हिस्सा पहले से ही विभाग के पास मौजूद है। यदि कोई आवेदक निर्धारित अवधि में नया आवेदन जमा नहीं करता है और किसी आवंटित रद्द किसान की जगह उसका आवंटन नहीं होता है तो उसके द्वारा जमा किया गया लाभार्थी हिस्सा वापस कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा अधिकृत कंपनी का चयन आवेदक द्वारा ऑनलाइन करना होगा व देय राशि आवेदन फार्म के साथ चलान में लिखे वर्चुअल बैंक खाता (जो सभी आवेदक का अलग-अलग होगा) में एनईएफटी/आरटीजीएस से आपके खाते से जमा होगी। इसकी अधिक जानकारी के लिए जिला विकास भवन स्थित अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय के प्रथम तल पर कमरा संख्या 114-115 में सम्पर्क कर सकते हैं।
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