चंडीगढ़। किसानों ने आज दिल्ली कूच करने की पूरी तैयारी कर लिए है। पंजाब किसान मजदूर समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने बुधवार को केंद्र सरकार से उनके मुद्दों पर चर्चा करने या फिर किसानों को शांतिपूर्वक दिल्ली कूच करने का अनुरोध किया। साथ ही किसान नेता पंढेर ने सरकार और पीएम मोदी से अनुरोध किया कि उन्हें शांति से मार्च करने दिया जाए या फिर उनकी मांगों को लेकर चर्चा की जाए। उन्होंने कहा कि पीएम सबके हैं उन्हें हमारी सुननी चाहिए।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने शंभू बॉर्डर पर प्रेस कर्मियों से वार्ता करते हुए कहा कि हम कह रहे हैं कि यह प्रधानमंत्री की भी जिम्मेदारी है कि वह हमारी सुनें। हमने भी उन्हें देश का पीएम बनाने के लिए वोट दिया है। यह देश सबका है, पीएम सबके हैं। उन्हें आगे आकर स्थिति को संभालना चाहिए और हमारी मांगों को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने पूरी कोशिश की, बैठकों में भाग लिया और हर मुद्दे पर बात की। अब फैसला केंद्र को लेना है। प्रधानमंत्री को आगे आना चाहिए और हमारी मांगों को स्वीकार करना चाहिए। डेढ़ या दो लाख करोड़ रुपये कोई बहुत बड़ी रकम नहीं है। लगभग 80 फीसदी किसान इस रकम पर निर्भर करते हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे इस ‘गतिरोध’ को खत्म करें और किसानों को लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने दें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी, संविधान की रक्षा करना आपकी जिम्मेदारी है, आप संविधान की रक्षा करते हैं, कृपया इस गेट को खोलें और हमें शांतिपूर्वक विरोध करने की अनुमति दें। पंढेर ने कहा कि हमने आगे प्रधानमंत्री से एमएसपी गारंटी कानून पर निर्णय लेने और स्थिति को शांत करने का आग्रह किया। हम केंद्र सरकार से हाथ जोड़कर अनुरोध करते हैं कि आप हमारे साथ आएं, बैठें और हमारे मुद्दों को हल करें। हमारी सभी मांगों पर एक-एक करके चर्चा की गई है और अब निर्णय लेने का समय है। किसान नेता ने अर्धसैनिक बलों का उपयोग करके विरोध को संभालने के केंद्र के तरीके की आलोचना की।
पंढेर ने कहा कि यहां पर एक-एक मां का एक-एक बेटा है। हम अपनी तरफ से बिल्कुल शांतिपूर्ण रहने वाले हैं। लेकिन हमने देखा है कि पैरामिलिट्री फोर्स किसान-मजदूर की खून की होली खेलना चाहते हैं। दूसरी ओर सैनिक हैं और इस तरफ किसान हैं, वे भी परिवार हैं। इसलिए हम नहीं चाहते कि ऐसा कुछ हो जिससे देश को दुखद तस्वीरें दिखाई जाएं। इसलिए हम अपनी तरफ से कोई हमला नहीं करेंगे। ये देश सभी का है और पीएम मोदी को आगे आकर हमारी मांगों को मान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार के मुखिया आगे आएं और कहें कि हम एमएसपी कानून बनाने के लिए तैयार हैं, तो ऐसे में हालात को शांत किया जा सकता है।
वही किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार जिद पर अड़ी है,ऐसे में वे सरकार को 2 विकल्प देते हैं। पहला यह कि दिल्ली चलो मार्च के तहत किसानों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र जाने दिया जाए और दूसरा यह कि अगर उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं दी जाती है तब केंद्र न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित उनकी बाकी मांगों को मान ले। कहीं ऐसा न हो कि किसान आपा खो बैठें। किसान नेताओं ने यह भी बताया गया कि वे नहीं चाहते कि देश कोई दुखद तस्वीर देखे। वे लोग देश के हित में ही मरेंगे। किसान नेताओं की तरफ से लगातार एमएसपी की कानूनी गारंटी दिए जाने की मांग की जा रही है।
डल्लेवाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पर्याप्त समय नहीं मिलने की शिकायत करना सही नहीं है क्योंकि पिछले साल नवंबर में किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया था। उन्होंने कहा कि हमने 7 नवंबर को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था और तब से आज तक, अगर सरकार कहती है कि उनके पास पर्याप्त समय नहीं है, तो मुझे लगता है कि यह सरकार की नीति हमारी उपेक्षा करने के लिए है।
बातचीत से समाधान जरूर निकलेगा: कृषि मंत्री
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा से जब सवाल किया गया कि किसान लगातार प्रस्ताव ठुकरा रहे हैं, लेकिन फिर भी सरकार बातचीत के लिए तैयार है। इस पर अर्जुन मुंडा ने कहा, ‘हम अच्छा करना चाहते हैं और हमें ऐसा करने के लिए कई विकल्प दिए गए हैं। हम हमेशा अच्छे विचार का स्वागत करते हैं, लेकिन वह राय कैसे फलदायी होगी इसका रास्ता ढूंढने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है। बातचीत से समाधान जरूर निकलेगा।’
हरियाणा पुलिस की अपील-शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें किसान
उधर हरियाणा में एआईजी मनीषा चौधरी ने बताया कि हरियाणा पुलिस ने पंजाब से लगी सभी सीमाओं पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया है। किसान शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं और उन्हें कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। हमें जानकारी मिली कि किसान विरोध स्थल पर भारी मशीनरी लेकर आए हैं और हमने पंजाब पुलिस से ऐसी मशीनरी को अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया है। हम किसानों से फिर से अपील करते हैं कि वे विरोध स्थल पर भारी मशीनरी न लाएं। वे अपनी मांगों के संबंध में हमें ज्ञापन सौंप सकते हैं… हम पंजाब पुलिस के साथ नियमित संपर्क में हैं और उनके साथ जानकारी साझा कर रहे हैं।