Saturday, May 18, 2024
Homeहरियाणारोहतकरोहतक में पकड़े गए नकली IPS ने रिमांड में किये बड़े बड़े...

रोहतक में पकड़े गए नकली IPS ने रिमांड में किये बड़े बड़े खुलासे, हैरान रह गए पुलिसवाले

- Advertisment -

सदर थाना पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपित की भिवानी, चरखी दादरी, रेवाड़ी और रोहतक में रिश्तेदारियां हैं। वो कई बार गाड़ी लेकर एसपी की वर्दी में अपनी रिश्तेदारियों में गया।

- Advertisment -

रोहतक। रोहतक में पुलिस के हाथ आए राजस्थान के नकली आईपीएस 61 वर्षीय रणधीर सिंह के कारनामों का अब पर्दाफाश हो रहा है। उसकी असल पहचान भी पुलिस ने ढूंढ ली है। 41 साल से राजस्थान पुलिस के कई बड़े अफसरों के घरों में रणधीर सिंह की नकली पहचान के साथ काम कर रहा था। वो अफसरों के बगीचे और दूसरे घरेलू काम संभालता था। शातिर रणधीर उर्फ बनी सिंह झज्जर के अच्छेज के पास पहाड़ीपुर गांव का रहने वाला है। 20 वर्ष की उम्र में उसने अपना गांव छोड़ दिया था, और राजस्थान चला गया था।

वाहनों से अवैध वसूली

पुलिस रिमांड में नकली आइपीएस बनी सिंह उर्फ रणधीर ने बताया कि उसने कुछ सरकारी और गैर सरकारी लोगों को मिलाकर एक गैंग बना रखा था। उनमें कुछ होमगार्ड और एक-दो पुलिस कर्मी भी शामिल हैं। ये गैंग रात को हाईवे पर राजस्थान – हरियाणा बार्डर के इलाकों में वाहनों से अवैध वसूली करते थे। बनी सिंह ने बताया कि वो एसपी की वर्दी में होता था और उसके साथी मताहत कर्मियों की वर्दी में साथ में बड़ा अफसर होने का रौब दिखाकर ये लोग वाहन चालकों से रात भर में हजारों रुपये की वसूली कर लेते थे।

शातिर को ऐसे आया ठगी का आइडिया
बनी सिंह ने बताया कि कई साल पहले राजस्थान के एक वरिष्ठ आईपीएस के यहां काम करते हुए उसे एक होमगार्ड ने ड्यूटी लगवाने की बात कही थी। इसके बाद एक बार जिस अफसर के यहां वो काम करता था तो उसने वहां आए दूसरे अफसर को उस होमगार्ड की सिफारिश कर दी। होमगार्ड का काम हो गया तो उसने उसे एक हजार रुपये दिए। इसके बाद बनी सिंह उर्फ रणधीर के शातिर दिमाग ने काम करना शुरू कर दिया। इसी तरह से लाखों कमाने की सोची। उसने अपने साहब के जैसी वर्दी और उनके आई-कार्ड बनाए। कई ऐसे शिकार ढूंढे जिनका काम पुलिस के बड़े अफसरों से ही बनना था। बनी सिंह उर्फ रणधीर सिंह पूरे रौब से उन लोगों के पास पहुंचता। खुद को आईपीएस बता सीधे उनका काम कर देने का ऑफर देकर ठगी करता।

अफसरों से जान पहचान का उठाया फायदा

रिमांड पर चल रहे बनी सिंह ने बताया कि राजस्थान पुलिस अफसरों के घरों में काम करते हुए उसकी कई पुलिस कर्मियों से जान पहचान हो गई थी। ऐसे में कभी उसके बारे में जब कोई शिकायत किसी थाने में गई तो उसने अफसरों से जान पहचान का फायदा उठा उन मामलों में राजीनामा करवा लिया। सदर थाना पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपित की भिवानी, चरखी दादरी, रेवाड़ी और रोहतक में रिश्तेदारियां हैं। वो कई बार गाड़ी लेकर एसपी की वर्दी में अपनी रिश्तेदारियों में गया। भैयापुर लाढ़ौत में पकडे जाने से पहली रात वी खिड़वाली में अपनी रिश्तेदारी में ऐसे ही रौब से रहा था। वहीं उसके कुछ रिश्तेदारों को उसकी असलियत पता लग गई थी।

नकली आईडी कार्ड और बरामद की गई राजस्थान सरकार लिखी गई गाडी

50 हजार रुपये महीने के किराए ली गाडी

उसकी रिश्तेदारी के एक व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि वो वर्दी में जब उनक यहां कुछ दिन पहले पहुंचा तो उन्होंने उसे भगा दिया था। नकली आइपीएस बनी सिंह ने रेवाड़ी के मनोज यादव से उसकी गाड़ी 50 हजार रुपये महीने के किराए पर ले रखी थी। मनोज ने अपना ड्राइवर जावेद उसके साथ भेज रखा था। पुलिस जांच में पता चला कि राजस्थान में वाहनों से वसूली करते मनोज उनसे मिला था। वो उसे असली एसपी समझा करता। जब 50 हजार रुपये महीने पर गाड़ी लगने का आफर बनी सिंह ने दिया तो मनोज राजी हो गया। उसे अब रोहतक पुलिस ने बनी सिंह की असलियत पता चली।

कई बार पकड़ा गया शातिर
रणधीर उर्फ बनी सिंह का रोहतक में पकड़ा जाना पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी वो भिवानी और राजस्थान में पकड़ा जा चुका है। उसने रोहतक पुलिस को बताया है कि दोनों बार पकड़े जाने पर उसकी असल पहचान उजागर नहीं हो पाई थी। दोनों जगह उस पर केस दर्ज हैं। पुलिस उन केस की डिटेल जुटा रही है। वहीँ शातिर रणधीर उर्फ बनी सिंह झज्जर के अच्छेज के पास पहाड़ीपुर गांव का रहने वाला है। उसके भाई से रोहतक पुलिस ने संपर्क किया है। उसने बताया कि बनी सिंह ने दसवीं करने से पहले ही वर्ष 1982 में गांव छोड़ दिया था। वो राजस्थान में चला गया। कई-कई वर्ष में गांव आता था। तब बड़े पुलिस अफसरों का काम करने की बात करता था। बनी सिंह ने राजस्थान में अपनी शादी करने के बारे में पुलिस को बताया है। लेकिन गांव में उसके परिवार को उसकी शादी की जानकारी नहीं है।

न्यायिक हिरासत में भेजा जेल

सदर थाना एसआई राकेश कुमार ने कहा कि राजस्थान पुलिस को रिपोर्ट भेजी आरोपित बनी सिंह पुलिस वर्दी पहन वाहन से अवैध वसूली का रैकेट चला चुका है। आरोपित ने रिमांड पर पुलिस को बताया कि वो राजस्थान पुलिस के कई कर्मियों का विश्वास जीत चुका था। वो कर्मी उसे हरियाणा के बारे में ज्यादा जानकारी होने पर अपने सम्मन उसे पहुंचाने के लिए दे देते थे। वहीं बनी सिंह सम्मन लेकर वर्दी में उनके घर जाता था। कई से उसने वसूली तक भी की है। राजस्थान पुलिस को उसकी रिपोर्ट भेज दी है। दूसरी और सोमवार शाम को सदर थाना पुलिस ने आरोपित झज्जर के पहाड़ीपुर गांव के बनी सिंह उर्फ रणधीर को एक दिन का रिमांड खत्म होने के बाद कोर्ट में पेश किया। जहाँ से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

- Advertisment -
RELATED NEWS
- Advertisment -
- Advertisment -

Most Popular