उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में उद्यम अपनी व्यावसायिक प्रक्रियाओं और मूल्य धाराओं को फिर से परिभाषित करेंगे, साथ ही एआई एजेंटों के प्रयोग से व्यावसायिक चुनौतियों का समाधान करेंगे। वे कहते हैं कि यह वर्ष छोटे भाषा मॉडलों, उन्नत रीजनिंग क्षमताओं और व्यावसायिक मूल्य प्राप्ति का होगा। आगामी वर्ष में, एआई एजेंटों द्वारा नई राजस्व धाराएँ उत्पन्न होंगी, जो उद्योगों में नवाचार, लाभप्रदता, परिचालन दक्षता और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाएंगी।
विप्रो की मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी, संध्या अरुण ने कहा, “मानव अब ऐसी भूमिकाएँ निभाएंगे, जहाँ वे एजेंटिक टीमों का निर्माण करेंगे, उनके कार्यों की योजना बनाएंगे और एआई एजेंटों द्वारा किए गए कार्यों की पुष्टि करेंगे।” वहीं, इंफोसिस के सीटीओ मोहम्मद रफ़ी तरफदार के अनुसार, 2025 में एआई तकनीकी पहलें व्यवसायों में विस्तार करेंगी, जो लागत में कमी, विकास, बेहतर ग्राहक अनुभव और जोखिम सुरक्षा के साथ व्यावसायिक मूल्य उत्पन्न करेंगी।
तारफदार ने यह भी बताया कि छोटे भाषा मॉडल, जो अब अधिक विशिष्ट होते जा रहे हैं, वे कम लागत पर उच्च सटीकता देने में सक्षम हैं, जिससे उद्यमों में इन मॉडलों के अपनाने की गति तेज हो सकती है। एडोब इंडिया की उपाध्यक्ष, प्रतिवा मोहपात्रा ने कहा कि 2025 व्यवसायों और रचनाकारों के लिए असाधारण अवसरों का वर्ष होगा, जिसमें जनरेटिव एआई का सही तरीके से उपयोग किया जाएगा।
सॉफ्टवेयर-परिभाषित क्षमताएँ, जो पहले क्लाउड तकनीक में थीं, अब वाहनों और रोबोट्स जैसी मशीनों में भी विकसित हो रही हैं, जिससे प्रौद्योगिकी में और भी सुधार हो रहा है।