डुओलिंगो की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, अंग्रेजी अब भी दुनिया की सबसे लोकप्रिय भाषा है, जो रिकॉर्ड 135 देशों में सबसे ऊपर है, और पिछले साल के मुकाबले 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसकी प्रमुख वजह शैक्षिक और व्यावसायिक संदर्भों में अंग्रेजी के महत्व को बताया गया है, क्योंकि लोग अपने करियर के अवसर बढ़ाने और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए इसे सीख रहे हैं।
हालांकि, हिंदी की लोकप्रियता में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। डुओलिंगो के मुताबिक, 8.4 मिलियन से अधिक शिक्षार्थी हिंदी सीख रहे हैं, जिससे यह दुनिया की शीर्ष 10 भाषाओं में शामिल हो गई है। यह वृद्धि न केवल भारत में हिंदी के महत्व को दर्शाती है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी बढ़ती लोकप्रियता को प्रमाणित करती है।
डुओलिंगो की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और इमर्सिव तकनीकें भाषा सीखने के तरीके को बदल रही हैं। YouGov के सहयोग से किए गए एक सर्वेक्षण में 71 प्रतिशत भारतीय शिक्षार्थियों ने AI-संचालित व्यक्तिगत ट्यूटर, चैटबॉट्स और VR/AR आधारित इमर्सिव लर्निंग अनुभवों को लेकर उत्साह जताया। 63 प्रतिशत भारतीयों का मानना है कि AI और मशीन लर्निंग भविष्य में शिक्षा के व्यक्तिगत अनुभव को परिभाषित करेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीयों द्वारा नई भाषाएँ सीखने के प्रमुख कारणों में करियर विकास (55 प्रतिशत), यात्रा और सांस्कृतिक अन्वेषण (45 प्रतिशत), तथा मनोरंजन (40 प्रतिशत) शामिल हैं। हालांकि, कई भाषाओं में प्रवाह बनाए रखने में मुश्किलें भी सामने आ रही हैं, जैसे कि नियमित अभ्यास के लिए समय की कमी और भाषाओं के बीच शब्दावली या व्याकरण का मिश्रण।