चंडीगढ़ : हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) 19 फरवरी को अपनी 31वीं राज्य सलाहकार समिति (SAC) की बैठक आयोजित करेगा। इस बैठक की अध्यक्षता HERC के चेयरमैन नन्द लाल शर्मा करेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली टैरिफ को अंतिम रूप देना है। बैठक में बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिरता, उपभोक्ता हितों की सुरक्षा और हरियाणा के बिजली क्षेत्र में सुधारों पर चर्चा की जाएगी।
राज्य सलाहकार समिति (SAC), जिसका गठन विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 87 और 88 के तहत किया गया है, सेवा की गुणवत्ता, उपभोक्ता अधिकार और वितरण कंपनियों के प्रदर्शन जैसे नीतिगत मामलों पर सलाह देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, 21 सदस्यीय समिति में उद्योग, कृषि, गैर-सरकारी संगठन, शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) तथा दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के प्रबंध निदेशक शामिल हैं।
15 जनवरी को HERC ने प्रस्तावित बिजली टैरिफ पर एक सार्वजनिक सुनवाई आयोजित की थी, जिसमें उपभोक्ताओं और हितधारकों से फीडबैक लिया गया। इसके बाद, बिजली वितरण कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कुल राजस्व आवश्यकता (ARR) ₹45,978.93 करोड़ की मांग की है। हालांकि, आयोग ने उन्हें ₹4,520.24 करोड़ के राजस्व घाटे को पाटने के लिए एक ठोस कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा हुआ है।
बैठक में तकनीकी और वाणिज्यिक हानि (AT&C) को कम करने, स्मार्ट मीटरिंग को बढ़ावा देने और उपभोक्ता शिकायत निवारण के लिए आईटी-आधारित समाधानों पर चर्चा होगी। इसके अलावा, हरियाणा के थर्मल पावर प्लांट्स की दक्षता की समीक्षा की जाएगी, ताकि उनके प्रदर्शन में सुधार के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही, प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (केंद्रीय सौर छत योजना) के तहत हुई प्रगति का मूल्यांकन किया जाएगा, ताकि राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को तेजी से बढ़ाया जा सके।
HERC के चेयरमैन नन्द लाल शर्मा, जिन्होंने 2 फरवरी, 2024 को पदभार संभाला, ने बिजली क्षेत्र में पारदर्शिता और उपभोक्ता-केंद्रित नीतियों पर जोर दिया हुआ है, विद्युत क्षेत्र के व्यपक अनुभव के चलते अध्यक्ष नन्द लाल शर्मा तकनीकी नवाचार, वित्तीय स्थिरता और उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रयासरत हैं। इस बैठक के परिणाम हरियाणा में बिजली टैरिफ, वितरण कंपनियों के परिचालन सुधार और उपभोक्ता सेवाओं को बेहतर बनाने से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णयों को आकार देंगे।