रोहतक : हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने शुक्रवार को ‘ज्ञानसेतु रोहतक’ का शुभारंभ किया, जो एक जिला-स्तरीय डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म है। इस अवसर पर उपायुक्त सचिन गुप्ता तथा अतिरिक्त उपायुक्त नरेंद्र कुमार के अलावा शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारी भी मौजूद रहे।
यह प्लेटफॉर्म विद्यार्थियों को निशुल्क, संरचित और उच्च-गुणवत्ता वाली ऑनलाइन शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। लॉन्च कार्यक्रम स्थानीय सेक्टर 3 स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय में जिला प्रशासन, शिक्षकों और छात्र प्रतिनिधियों की उपस्थिति में आयोजित किया गया।
ज्ञानसेतु रोहतक को जिला प्रशासन, रोहतक के निर्देशन में विकसित किया गया है, ताकि प्रत्येक विद्यार्थी—चाहे वह किसी भी क्षेत्र या पृष्ठभूमि से हो—को व्यवस्थित डिजिटल लर्निंग सामग्री उपलब्ध हो सके। यह प्लेटफॉर्म पूरी तरह प्रशासनिक नियंत्रण में है, जिसके माध्यम से अधिकृत अधिकारी विद्यार्थियों को जोड़ सकते हैं, पाठ्यक्रम आवंटित कर सकते हैं और रियल-टाइम में उनकी सीखने की प्रगति की निगरानी कर सकते हैं। लॉन्च के दौरान मंत्री ने कहा कि ज्ञानसेतु जैसे प्रयास सरकार की समानता, पहुँच और परिणाम-आधारित शिक्षा की प्रतिबद्धता को सशक्त करते हैं और हरियाणा को आधुनिक, डिजिटल रूप से सक्षम स्कूली शिक्षा प्रणाली की दिशा में आगे बढ़ाते हैं।
ज्ञानसेतु रोहतक की प्रमुख विशेषताएं : उपायुक्त सचिन गुप्ता
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि यह ऐप मुफ्त, चुनिंदा वीडियो-आधारित लर्निंग मॉड्यूल है, जिसमें सुरक्षित एडमिन इंटरफेस के माध्यम से शिक्षक द्वारा पाठ्यक्रम आवंटन, प्रत्येक वीडियो के साथ एकीकृत क्विज, सीखने के मूल्यांकन हेतु विद्यार्थी-वार प्रगति ट्रैकिंग, जिसमें वीडियो पूरा करना और क्विज़ प्रदर्शन शामिल है। इसमें विद्यालय स्तर पर अकादमिक जवाबदेही को मजबूत करने के लिए डेटा-आधारित मॉनिटरिंग है। यह प्लेटफॉर्म विद्यार्थियों को सरलता से साइन-अप करने, तुरंत आवंटित कोर्स एक्सेस करने, किसी भी बिंदु से सीखना पुन: शुरू करने और अपनी प्रगति को स्वयं ट्रैक करने की सुविधा प्रदान करता है। साथ ही, शिक्षक और प्रशासक उपयोग और प्रदर्शन की निगरानी एक साथ कर सकते हैं, जिससे सीखने की प्रक्रिया केवल संचालित ही नहीं, बल्कि प्रभावी रूप से मापी भी जा सकती है। ज्ञानसेतु रोहतक जिला में एक पारदर्शी, संरचित और परिणाम-उन्मुख डिजिटल शिक्षण व्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल शैक्षिक उत्कृष्टता को तकनीक-सक्षम समाधानों के माध्यम से मजबूत करने की सरकार की दृष्टि के अनुरूप है। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी मनजीत मलिक, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी दिलजीत सिंह तथा जिला परियोजना अधिकारी बिजेंद्र हुड्डा भी मौजूद रहे।
निपुण वाटिका स्थापित करने पर जिला प्रशासन की सराहना की

शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने निपुण वाटिका में जिला प्रशासन द्वारा बच्चों को खेल-खेल में सिखाने के लिए किए गए प्रबंधों को सराहा। उन्होंने कहा कि खेल-खेल में देखकर सीखने से स्थाई ज्ञान प्राप्त होता है, जो बच्चों का जीवनपर्यंत मार्गदर्शन करता है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा एक मत्वाकांक्षी परियोजना के तहत निपुण वाटिका स्थापित की गई है। उन्होंने विद्यालय स्टाफ के प्रयासों की सराहना की।

