चरखी दादरी । हरियाणा के इस जिले में खुदाई के दौरान लोगों को कुछ ऐसा दिखा जिसके बाद ड्राइवर जेसीबी छोड़ कर भाग गया। दरअसल हरियाणा के दादरी जिले के गांव कारी धारणी में जोड़नाथ मंदिर परिसर में कुंड की खुदाई के दौरान लोहे व पत्थर की अनेक प्राचीन वस्तुएं मिली हैं। खुदाई के दौरान मिली वस्तुओं को लेकर ग्रामीण आश्चर्यचकित हैं और उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। इन प्राचीन वस्तुओं के देखने के लिए ग्रामीणों का मौके पर जमवाड़ा लग गया। बाद में सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची।
बता दें कि गांव कारी धारणी के जहलाणा जोहड़ स्थित बाबा जोड़नाथ मंदिर परिसर में बारिश के जल को स्टोरेज करने के लिए कुंड की खुदाई की जा रही है। जेसीबी से खुदाई के दौरान करीब 10 से 15 फिट नीचे कुछ वस्तुएं दिखाई दी। जिससे बाद जेसीबी ऑपरेटर डर गया और उसने खुदाई बंद कर ग्रामीणों को इसकी सूचना दी। बाद में ग्रामीण वहां एकत्रित हो गए और खुदाई से निकली वस्तुओं को एकत्रित किया गया।
जमीन के अंदर से मिला ये
इन वस्तुओं में लोहे की कुल्हाड़ी के अलावा नुकीले औजार, लोहे का त्रिशुल, दीपक शामिल है। इसके अलावा पत्थर के गोलाकार, आयताकार व वर्गाकार टूकड़े शामिल है। इन औजारों को देखकर इतना तो स्पष्ट है कि ये काफी प्राचीन है लेकिन त्रिशूल व दीपक के साथ नुकीले औजार होने पर ग्रामीणों को कुछ समझ नहीं आ रहा है कि आखिर मामला क्या है।
वस्तुएं कई सौ वर्ष पुरानी
मौके पर मौजूद सरपंच प्रतिनिधि ईश्वर सिंह ने इसकी सूचना पुलिस को दी। ग्रामीणों ने बताया कि खुदाई में मिली वस्तुएं कई सौ वर्ष पुरानी हैं। सूचना मिलने पर पुलिस ईआरवी टीम इंचार्ज रतन सिंह ने मौके पर पहुंचकर जांच की और कहा कि ये संदिग्ध हथियार नहीं लग रहे हैं ये प्राचीन औजार नजर आ रहे हैं। बाढ़ड़ा थाना पुलिस को सूचना दी गई है और पूरी स्थिति पुरातत्व विभाग की टीम ही स्पष्ट कर पाएगी।
हड़प्पा कालीन सभ्यता के अवशेष
आपको बता दें 9 दिसंबर को हरियाणा के फतेहाबाद जिले के कुनाल गांव में भी हड़प्पा कालीन सभ्यता के अवशेष मिले हैं। हरियाणा पुरातत्व विभाग ने कुनाल गांव में एक बार फिर से खुदाई शुरु कर दी है। यहां इस सभ्यता से जुड़ी भट्ठियां मिली हैं। बताया जा रहा है कि इन भट्ठियों में मनके और मिट्टी के बर्तन बनाने का काम किया जाता था। हड़प्पा सभ्यता के जो अवशेष मिले हैं। वो उस समय की बेहतरीन कारीगरी का प्रतीक है। एक और बात सामने आई है कि इस सभ्यता के लोगों ने अपने घरों के साथ बांस लगाकर पोस्ट होल बनाए हुए थे। यहां पर मिले मृद भांडों पर अलग से कारीगरी की गई है। पहले की खुदाई में यहां पर शिकार के लिए तीरों के ब्लेड मिले हैं।
सरस्वती नदी के पास बसा है कुनाल गांव
पहली बार यहां पुरातत्व विभाग ने साल 1986 में खुदाई का काम शुरु किया था। तब यहां से पूर्व हड़प्पा काल से संबंधित अनेक औजार और मनके मिले थे। इसके अलावा बाट (मनकों को बनाने के लिए प्रयोग किए जाने के लिए प्रयोग होने वाले पत्थर) भी मिले हैं। यहां पर चांदी का मुकुट और सोने के आभूषण मिले हैं। कुनाल गांव सरस्वती नदी के पास बसा है। माना जा रहा है कि इसी वजह से यहां के लोगों का फारस देशों में भी व्यापार था। वो मनके आदि बनाने के लिए फारस देशों से कच्चा माल मंगवाते थे और मनके तैयार करके उनको वापस फारस देशों में भेजते थे। इनका व्यापार अफगानिस्तान और बलूचिस्तान तक फैला हुआ था।
हरियाणा पुरातत्व विभाग उपनिदेशक डॉक्टर बुनानी भट्टाचार्य ने कहा कि कुनाल गांव में मिले अवशेषों से ये भी पता चला है कि इस सभ्यता के लोग मांसाहारी थे। वो बड़े पशुओं को आग में पकाकर खाते थे। यहां पर दालों के दाने और फलों के बीज भी मिले हैं। जिससे पता चला है कि ये लोग उस समय से ही खेती में दालों व फलों को उगाते थे। कुनाल गांव काफी ऐतिहासिक है। यहां पूर्व हड़प्पा कालीन सभ्यता के सबूत मिले हैं। यहां के लोगों के रहन सहन की जानकारी ली जा रही है। इसके लिए यहां पर खुदाई का काम जारी है। अगले तीन महीने तक यहां पर खुदाई का काम होगा।