रोहतक। रोहतक में भीषण गर्मी और लू के चलते नकसीर फूटने की परेशानी लोगो को हो रही है। जिसके बाद नागरिक अस्पताल और पीजीआईएमएस में मरीजों में इजाफा हुआ है। ऐसा इस लिए हो रहा है क्योंकि लू से जब नाक की झिल्ली सूख जाती है, तो उनमें रक्तस्राव होने की संभावना अधिक होती है। यह नाक की झिल्ली सूखकर फटने पर होता है। जब झिल्ली घायल हो जाती है या टूट जाती है, तो नाक से खून बहने लगता है।
इस बारे में पीजीआई में डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय तिवारी बताते हैं कि नाक के ऊपर झिल्ली नाक की सुरक्षा कवच का काम करती है। इसके नीचे रक्तवाहिकाएं होती हैं। जब लू का दुष्प्रभाव पड़ता है तो इस झिल्ली की नमी खत्म हो जाती है। इससे रक्तवाहिकाओं से रक्त निकलकर नाक के रास्ते बहने लगता है। नमी लगातार कम होने के कारण कई लोगों को अक्सर नाक से रक्त बहने की भी समस्याएं आती हैं। कई लोग समस्या बढ़ने पर डॉक्टर से इलाज कराते हैं। अधिक रक्त बहने के कारण मरीज के एनीमिया होने का भी खतरा रहता है।
इसके अलावा, शरीर में पानी की कमी के कारण मुंह में लार कम बनने लगती है। कई बार सुबह को सोकर उठने के दौरान लार की कमी के कारण गला सूख जाता है। खांसी भी होती है। हालांकि, पानी पीने के साथ यह समस्या तब तो खत्म हो जाती है, लेकिन पानी की कमी बनी रहने से मुंह में जलन होने लगती है। अगर लंबे समय तक लार कम बनती है, तो जीभ खुरदरी हो जाती है। मसूड़े के आसपास की कोशिकाओं में नमी कम होने पर मसूड़ों में सूजन आ जाती है। अगर लगातार मुंह में लार कम बनती है तो दांतों में सड़न होती है। दांत खराब होने का भी अंदेशा हो जाता है। इन सब समस्याओं को निजात पाने के लिए रोजाना कम से कम 2 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए।
रोजाना बढ़ रही मरीजों की संख्या फिलहाल, 16 मई से लगातार लू चलने के कारण नाक बहने समेत मुंह की समस्याओं को लेकर पीजीआई में रोजाना 400 मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें डॉक्टर लू से बचाव करने की सलाह दे रहे हैं, जबकि लू चलने से पहले इस प्रकार के मरीजों की संख्या 80 से 100 तक पहुंची थी। इस दौरान लार की कमी के कारण गला सूख जाता है। खांसी भी होती है। हालांकि, पानी पीने के साथ यह समस्या तब तो खत्म हो जाती है, लेकिन पानी की कमी बनी रहने से मुंह में जलन होने लगती है।
इस तरह करें बचाव
डॉक्टर्स का कहना है कि जिन लोगों को पहले ही नकसीर की परेशानी हो रही है, ऐसे लोगों को लू के संपर्क में आने से बचना चाहिए तथा ज्यादा पानी पीना चाहिए जिससे शरीर में पानी व नमी की कमी ना हो। उन्हें घर से बाहर निकलते समय नाक को ढक कर निकलना चाहिए जिससे हवा में नमी की कमी की वजह नाक अंदर से ना सूखे। यदि संभव हो तो ऐसे लोगों को अपने घर में या दफ्तर में ह्यूमिडिफायर का उपयोग करना चाहिए इससे वातावरण में नमी बरकरार रखने में मदद मिलती है।
यदि नाक सूख रही हो तो भाप लेने से, नेजल स्प्रे के इस्तेमाल से या नाक के बाहरी हिस्से में जैतून का तेल या बहुत कम मात्र में पेट्रोलियम जेली लगाने से भी नाक को सूखने से बचाया जा सकता है। साथ ही नाक में बार-बार उंगली डालने से बचना चाहिए। नकसीर की परेशानी से बचने के लिए आहार में विटामिन के तथा विटामिन सी से युक्त आहार को शामिल करना चाहिए। नाक की नमी को बरकरार रखें। इसके लिए स्टीम या नेजल स्प्रे का इस्तेमाल लाभदायक है। नियमित अंतराल पर चेहरे को ठंडे पानी से धोएं।