रोहतक : इस विश्वविद्यालय ने हमें बहुत कुछ दिया है और इसके बदले हमें दिल से प्रयास करना चाहिए कि हम इसके लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदान करें। सभी को मिलकर कार्य करना है और विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है। यदि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बनाता है तो उससे हमारी भी एक अलग पहचान बनती है। यह कहना है पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के नव नियुक्त कुलसचिव डॉ.रूप सिंह का। उन्होंने बुधवार को अपने कार्यालय में अपना पदभार संभाला।
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. रूप सिंह ने कहा कि वें माननीय कुलाधिपति, हरियाणा सरकार और कुलपति डॉ.एच.के. अग्रवाल का तहे दिल से धन्यवाद व्यक्त करते हैं, जिन्होंने उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के काबिल समझते हुए यह जिम्मेदारी प्रदान की है। वें कुलपति डॉ.एच.के. अग्रवाल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए इस पद की गरिमा को बढ़ाने का भरपूर प्रयास करेंगे।
डॉ. रूप सिंह ने कहा कि उनकी प्राथमिकताओं में विश्वविद्यालय के उत्थान, पारदर्शिता और शिक्षा के स्तर में सुधार करना शामिल है। वे मेडिकल और पैरामेडिकल शिक्षा प्रणाली को सुव्यवस्थित करने पर भी जोर देंगे। डॉ. सिंह का उद्देश्य है कि विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जाए और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की जाए।
डॉ. रूप सिंह के बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन का उद्देश्य है कि छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जाए और संस्थान को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाए। इसके लिए वे विभिन्न सुधारात्मक कदम उठाने की योजना बना रहे हैं। डॉ. रूप सिंह ने कहा कि वें अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने दिवंगत माता-पिता और अपनी पत्नी डॉ. किरणप्रित को देते हैं जिन्होंने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया और दिन-रात मरीजों की सेवा करने के लिए प्रेरित किया।
कुलपति डॉ.एच.के. अग्रवाल ने कहा कि डॉ. रूप सिंह की प्राथमिकताएं और योजनाएं संस्थान के उज्ज्वल भविष्य के लिए आशा जगाती हैं। हम डॉ. रूप सिंह के नेतृत्व में विश्वविद्यालय की उन्नति और छात्रों के बेहतर भविष्य की कामना करते हैं।
डॉ आशीष देवगन ने बताया कि 8 जून 1964 को एक साधारण परिवार में कुरुक्षेत्र जिले के गांव लुखी में स्व. महमा सिंह के घर जन्मे डॉ. रूप सिंह बचपन से ही प्रतिभा के धनी रहे हैं। उन्होंने अपनी प्राथमिक पढाई गांव से ही की जहां सब उनके अच्छे व्यवहार और होशियारी के कायल थे। उन्होंने कुरुक्षेत्र से अपनी 12वीं की परीक्षा पास की और फिर वर्ष 1994 में संस्थान में एमबीबीएस में दाखिला लिया और यह संस्थान उनके दिल में बस गया। वर्ष 1991 में एमएस में दाखिला लिया और वर्ष 1995 में यहां नौकरी ग्रहण की। इसके बाद वें कई पदों पर रहते हुए वर्ष 2013 में पीएचडी भी की और विभागाध्यक्ष बने।
जनसंपर्क विभाग के इंचार्ज एवं हड्डी रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. उमेश यादव ने बताया कि डॉ. रूप सिंह को अंतरराष्ट्रीय स्पाइनल कॉर्ड सोसायटी द्वारा वर्ष 2024 में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है। डॉ. रूप सिंह के पास 5 से अधिक फैलोशिप हैं और उनके राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय जरनल में 106 से अधिक रिसर्च छपी हुई हैं। वें 76 गेस्ट लेक्चर दे चुके हैं वहीं करीब 120 कांफ्रेंस में अपने पेपर प्रस्तुत कर चुके हैं। वहीं डॉ. रूप सिंह कई सोसायटी के अध्यक्ष एवं सदस्य भी रहे हैं।
इस अवसर पर डॉ. आशीष देवगन, डॉ. प्रदीप कंबोज, डॉ. हेमंत मोर, डॉ. अजय श्योराण सहित हड्डी रोग विभाग के कई चिकित्सक उपस्थित रहे।