रोहतक : प्रतिभा की कोई उम्र सीमा नहीं होती और अनुभव एवं ज्ञान के साथ कोई भी व्यक्ति अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकता है। डॉ. रितु की उपलब्धि से यह साबित होता है कि इंसान के अंदर जज्बा होना चाहिए वह किसी भी उम्र में कुछ भी कार्य कर सकता है। यह कहना है पीजीआईएमएस के निदेशक डॉक्टर एस के सिंघल का।
वे बुधवार को उनके कार्यालय में पहुंची माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर रितु अग्रवाल को एक प्रतियोगिता में मोस्ट टैलेंटेड अवार्ड जीतने पर बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने यह अवार्ड जीत के संस्थान का नाम रोशन किया है।
डॉ एस के सिंघल ने कहा कि डॉ. रितु अग्रवाल की उपलब्धि से पीजीआईएमएस रोहतक के साथ-साथ पूरे हरियाणा का नाम रोशन हुआ है। डॉ. रितु ने अपनी अद्वितीय प्रतिभा और अनुभव के साथ अपने से आधी उम्र के प्रतियोगियों को कड़ी टक्कर देते हुए यह खिताब जीता।
अपने इस अवार्ड के बारे में जानकारी देते हुए डॉक्टर रितु अग्रवाल ने बताया कि हाल ही में गुरुग्राम में आयोजित “मिसेज इंडिया इंस्पिरेशन ऑफ इंडिया” प्रतियोगिता में “मोस्ट टैलेंटेड” का खिताब जीता है। इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न राज्यों से प्रतिभागियों ने भाग लिया था।
डॉ. रितु ने अपनी अद्वितीय प्रतिभा और अनुभव के साथ अपने से आधी उम्र के प्रतियोगियों को कड़ी टक्कर देते हुए यह खिताब जीता। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता के लिए कई राउंड हुए थे जिसमें उन्होंने अपने प्रतिभागियों को कड़ी टक्कर देते हुए यह अवार्ड हासिल किया। उन्होंने कहा कि वह अपने इस उपलब्धि का श्रेय अपने परिवार में अपने पति डॉक्टर विपुल कुमार को देती हैं। उन्होंने कहा कि उनकी प्रेरणा से ही उन्होंने इस उम्र में भी यह है खिताब जीतकर अन्य महिलाओं के लिए एक उदाहरण पेश किया है कि महिलाएं कभी भी किसी भी उम्र में यदि कुछ करने की ठान ली तो वह उसे पूरा कर सकती हैं।
डॉ विपुल कुमार ने बताया कि डॉ. रितु अग्रवाल ने “मिसेज इंडिया इंस्पिरेशन ऑफ इंडिया” प्रतियोगिता में मोस्ट टैलेंटेड का खिताब जीता है उसके लिए वह उन्हें बधाई देते हैं।
डॉ रितु ने बताया कि उनके विभाग अध्यक्ष डॉ अपर्णा परमार, डॉक्टर मधु, डॉक्टर निधि, डॉक्टर पारुल ,डॉक्टर प्रियंका डॉक्टर शुची ने भी उन्हें हमेशा प्रेरणा दी और यह अवार्ड जीतने पर बधाई दी।