Rohtak News : पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक (PGIMS Rohtak) के फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष तथा फार्मास्यूटिकल साइंसेज फैकल्टी की डीन डाॅ. ज्योति कौशल को गोवा में आयोजित गोआकाॅन 2025 सम्मेलन में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया है।
डाॅ. कौशल की इस उपलब्धि पर कुलगुरू डाॅ.एच.के. अग्रवाल ने बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रीय मंच पर ये प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करना पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक के लिए अत्यंत गर्व का विषय है, जो संस्थान की अकादमिक उत्कृष्टता और पेशेवर विशिष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
गौरतलब है कि डॉ. ज्योति कौशल एक प्रतिष्ठित फार्माकोलॉजिस्ट और शोधकर्ता हैं, उनका 34 वर्षों से अधिक का असाधारण करियर रहा है, जिसमें पथप्रदर्शक अनुसंधान, समर्पित शिक्षण और फार्माकोलॉजी विज्ञान में अद्वितीय नेतृत्व शामिल है। सम्मेलन में यह उजागर किया गया कि डाॅ. ज्योति कौशल को विभिन्न अवसरों पर चार बार बेस्ट टीचर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व में फार्माकोलॉजी विभाग ने नए अकादमिक और शोध की ऊंचाइयों को छुआ है।
डाॅ. ज्योति कौशल ने बताया कि डाॅ. राकेश मित्तल द्वारा ई-पोस्टर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था, जिसमें उन्होंने अपनी रिसर्च प्रस्तुत की थी, जिसे प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया। डाॅ. राकेश मित्तल ने अपनी रिसर्च में पाया था कि हार्ट फेल्योर के उपचार हेतु नई दवाई आई है, इस दवाई का मरीजों पर क्या असर हो रहा है और यह दवाई मरीजों की जान बचाने में कितनी प्रभावशाली है।
डाॅ. ज्योति ने बताया कि डाॅ. हिमानी देशवाल को ई पोस्टर में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। इस पोस्टर में उन्होंने अपनी रिसर्च के माध्यम से बताया था कि एमबीबीएस विद्यार्थी नशीली दवाओं का सेवन क्यों करते हैं। डाॅ. हिमानी देशवाल ने अपनी इस रिसर्च के दौरान पाया कि अक्सर विद्यार्थी अपने दोस्तों के दबाव और तनाव में आकर नशे की तरफ बढते हैं जो फिर उनकी आदत में शुमार हो जाता है।
डाॅ. राकेश मित्तल ने बताया कि उन्हें व डाॅ. हिमानी देशवाल को मिले अवार्ड का श्रेय भी डाॅ. ज्योति कौशल को जाता है, जिनके नेतृत्व में उन्होंने यह रिसर्च की थीं।
डाॅ. ज्योति कौशल ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों को प्राप्त करना पंडित बीडी शर्मा पीजीआईएमएस रोहतक के लिए बहुत गर्व और प्रतिष्ठा की बात है, जो शैक्षणिक और व्यावसायिक विशिष्टता के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।