रोहतक: उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने भारत-पाक के बीच युद्ध की आशंकाओं के मद्देनजर जिला में पुख्ता सुरक्षा प्रबंध करने के निर्देश जारी किए है।
उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अलग-अलग विभागों के अधिकारियों से तैयारी के बारे में जानकारी ली और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के पास सभी विभागों की वस्तुस्थिति सूची उपलब्ध रहनी चाहिए ताकि आपात स्थिति में तुरंत प्रभाव से संसाधनों का प्रयोग किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने आपात स्थिति के मद्देनजर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगर के अलावा सभी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी के हिसाब से सायरन की स्थापना सुनिश्चित की जाए और सायरन को ऑन करने के लिए समर्पित स्टाफ तैनात किया जाए।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी
उन्होंने कहा कि प्रशासन के पास प्रमुख समाजसेवी व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के भी मोबाइल नंबर उपलब्ध रहने चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनकी सहायता ली जा सके। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करते हुए उन्होंने उपलब्ध एंबुलेंस के बारे में जानकारी ली और दिशा-निर्देश जारी किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि क्षेत्र वाइज ऐसे निजी अस्पतालों की सूची भी उपलब्ध रहनी चाहिए जिनका उपयोग आपातकालीन स्थिति में किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने दवाइयों की उपलब्धता बारे में निर्देश जारी किए। एसडीएम व तहसीलदारों को निर्देश जारी करते हुए उन्होंने कहा कि वह अपने-अपने एरिया में बड़े भवनों को भी चिन्हित करें। आपातकालीन संचार व्यवस्था के बारे में भी उन्होंने विस्तार से चर्चा की और निर्देश दिए।
स्वयं सेवकों को सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग देने के भी निर्देश
उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि ब्लैकआउट का मतलब पूर्ण रूप से अंधेरा छा जाना होता है। इस स्थिति में इनवर्टर अथवा सोलर की लाइट भी बंद करवाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने एनएसएस, एनसीसी, रेडक्रॉस के स्वयं सेवकों को सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कॉलेज से बच्चों का सलेक्शन करके पहले मास्टर ट्रेनर तैयार किया जाए उसके बाद यह मास्टर ट्रेनर अलग-अलग कॉलेज में जाकर बच्चों को सिविल डिफेंस की ट्रेनिंग देंगे।