char dham yatra: शुक्रवार को हुई धामी कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद गठन करने पर सहमति जताई गई है. लंबे वक्त से उत्तराखंड में होने वाली चारधाम यात्रा और मेलों का बेहतरीन संचालन करने के लिए प्रदेश सरकार ने एक परिषद गठन करने का निर्णय लिया था.
char dham yatra: बेहतर मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं को बनाना, साफ सफाई और रखरखाव
उत्तराखंड पर्यटन का प्रमुख हिस्सा है तीर्थाटन. इसके अंतर्गत होने वाली कैलाश यात्रा, नंदादेवी राजजात यात्रा और चारधाम यात्रा सहित अन्य कई धार्मिक यात्रायें शामिल हैं. हर साल इन यात्राओं में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद को गठन करने का फैसला लिया था. जिससे प्रदेश में होने वाली प्रमुख धार्मिक यात्राओं या मेलों में बेहतर व्यवस्थाएं किए जाने के लिए एक अलग नियंत्रण और प्रबंधन इकाई काम करें. ऐसे में परिषद, धार्मिक यात्राओं और मेलों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के साथ ही उसका संचालन भी करेगा. इसके अंतर्गत धार्मिक यात्राओं और मेलों के लिए बेहतर मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं को बनाना, साफ सफाई और रखरखाव आदि करना है. साथ ही साथ धार्मिक यात्राओं या मेलों को सहज, सुगम, सुरक्षित और सुखद बनाना है.
तीन स्तरों पर होगा परिषद का गठन
इस परिषद के अंतर्गत चारधाम यात्रा, आदि कैलाश यात्रा, पूर्णागिरि यात्रा और नंदादेवी राजजात यात्रा संचालित होगी. इस परिषद के लिए अलग से बजट का प्रावधान भी किया गया है. तीन स्तरों पर परिषद का गठन किया जाएगा. पहला राज्य स्तर पर, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली परिषद नीति निर्धारण का काम करेगी, दूसरा, मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली परिषद के पास अनुश्रवण व मूल्यांकन की जिम्मेदारी होगी. इसके साथ ही दोनों मंडलों में इसे लागू करने और प्लानिंग के लिए मंडलायुक्तों की अध्यक्षता में परिषद गठित होगी. गढ़वाल व कुमाऊं के मंडलायुक्त अपने-अपने मंडलों में परिषद के बतौर सीईओ की भूमिका का निर्वहन करेंगे.
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