भारत के सड़क नेटवर्क में पिछले कुछ वर्षों में तेज़ी से विस्तार हुआ है, और अब देश में ऐसे एक्सप्रेसवे बन रहे हैं जो न केवल यात्रा को सुविधाजनक बना रहे हैं, बल्कि पर्यावरण और जानवरों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। इस दिशा में एक प्रमुख उदाहरण है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, जो दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। इसकी लंबाई 1386 किलोमीटर है और यह दिल्ली को मुंबई से जोड़ता है।
यह एक्सप्रेसवे देश के छह राज्यों को जोड़ता है और यात्रा समय को आधे से भी कम कर देता है। पहले दिल्ली से मुंबई का सफर 24 घंटे का होता था, लेकिन अब यह सिर्फ 12 घंटे में पूरा किया जा सकता है। इस एक्सप्रेसवे की निर्माण लागत लगभग 1 लाख करोड़ रुपये है। इसमें 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है, जो 50 हावड़ा ब्रिज के बराबर है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एशिया का पहला हाईवे है जिसमें जंगली जानवरों के लिए ग्रीन ओवरपास का प्रावधान किया गया है। इसके निर्माण में दो सुरंगें बनाई गई हैं—एक राजस्थान के मुकुंदरा सेंक्चुरी के नीचे और दूसरी महाराष्ट्र के माथेरान ईको सेंसिटिव जोन में। इसके अलावा, 5 प्रमुख वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से होकर गुजरने वाले इस एक्सप्रेसवे में गाड़ियों के हॉर्न की जगह म्यूजिकल इंस्टूमेंट की धुन सुनाई देगी, ताकि जानवरों को कोई परेशानी न हो।
इस तरह के प्रगतिशील कदमों से यह एक्सप्रेसवे न केवल लोगों की यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा करेगा।