Thursday, November 28, 2024
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Dance Outside Jail : जेल से रिहाई के बाद कैदी ने किया धमाकेदार डांस, पुलिसवालों ने भी बजाई तालियां, वायरल हुआ वीडियो

Dance Outside Jail : उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींच लिया है। जेल से छूटे एक कैदी ने अपनी खुशी का इजहार कुछ इस अंदाज में किया कि वहां मौजूद पुलिसकर्मी भी तालियां बजाने से खुद को रोक नहीं पाए।

यह घटना संविधान दिवस के मौके पर हुई, जब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रयासों से कैदी को रिहाई मिली। कैदी के डांस का वीडियो लगातार सोशल मीडिया पर  वायरल हो रही है

जेल के बाहर कैदी Dance Outside Jail का अनोखा डांस

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में शिवा नागर नाम का कैदी जेल के बाहर डांस करता हुआ नजर आ रहा है। 9 महीने से जेल में बंद इस कैदी की रिहाई इसलिए रुकी हुई थी क्योंकि वह 1,000 रुपये का जुर्माना नहीं भर पाया था। शिवा, जो कि अनाथ बताया जा रहा है, नशा तस्करी के मामले में दोषी पाया गया था और कोर्ट ने उसे एक साल की सजा सुनाई थी।

संविधान दिवस पर मिली आज़ादी

संविधान दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने इस मामले में पहल की। कुछ समाजसेवी संस्थाओं की मदद से शिवा का जुर्माना भरा गया, जिससे उसकी रिहाई संभव हो पाई। जेल से बाहर आते ही शिवा ने खुशी-खुशी डांस करना शुरू कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने भी तालियां बजाकर उसकी खुशी में साथ दिया।

दूसरे कैदी Dance Outside Jail  को भी मिली राहत

शिवा के साथ एक और कैदी अंशू गिहार को भी रिहा किया गया। फतेहपुर के रहने वाले अंशू को एक महीने पहले बेल मिल चुकी थी, लेकिन कोई जमानत लेने नहीं आया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देकर उसकी भी रिहाई सुनिश्चित की।

जेल कर्मचारियों ने पढ़ाया ईमानदारी का पाठ

रिहाई से पहले जेल के अधिकारियों ने कैदियों को ईमानदारी और समाज में दोबारा अच्छा नागरिक बनने का महत्व समझाया। शिवा नागर के डांस वाले वीडियो पर लोगों के मजेदार कमेंट्स आ रहे हैं। कोई इसे आज़ादी का जश्न बता रहा है, तो कोई शिवा की मासूमियत की तारीफ कर रहा है।

क्या कहता है यह वीडियो?

इस घटना ने एक बार फिर दिखाया कि सही समय पर मदद और संवेदनशीलता कैसे किसी की जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकती है। शिवा और अंशू जैसे कैदियों को रिहा कर समाज के प्रति उनकी नई जिम्मेदारी को समझाने की यह पहल बेहद सराहनीय है।

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