Tuesday, October 22, 2024
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रोहतक PGIMS में जटिल ऑपरेशन : डॉक्टरों ने मरीज के हृदय से चाकू निकाल कर बचाई जान

Rohtak News : वह कहावत है ना कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोई। यह कहावत पीजीआई के हृदय शल्य चिकित्सा विभाग में सही साबित होती दिखाई दी जहां कार्डियक सर्जरी व बेहोशी विभाग के चिकित्सकों ने मौत के मुंह में जा चुके मरीज को नया जीवनदान देने का कार्य किया है।

मरीज के परिजनों ने हृदय शल्य चिकित्सा विभाग के डॉ एस एस लोहचब व डॉ संदीप की टीम का तहे दिल से धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने मौत के मुंह में जा चुके एक मरीज की जान बचाकर बहुत ही नेक कार्य किया है।

इस केस के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए हृदय शल्य चिकित्सा विभाग अध्यक्ष डॉ संदीप सिंह ने बताया कि 16 अक्टूबर की रात सोनीपत जिले के एक गांव में रहने वाले 26 वर्षीय युवक को झगड़े के दौरान रात्रि करीब 11:30 बजे किसी ने हृदय में चाकू मार दिया। चाकू छाती में फस गया और उसका हैंडल टूट कर अलग हो गया।

उन्होंने बताया कि ऐसे में मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए उसे अल सुबह करीब 2:00 बजे पीजीआईएमएस के ट्रॉमा सेंटर में लाया गया। जहां पर चिकित्सको ने मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए तुरंत कार्डियक सर्जरी विभाग में सूचना दी।

डॉ संदीप सिंह ने बताया कि मरीज की गंभीर हालत के बारे में पता चलते ही डॉ पनमेश्वर राथिया और डॉ सौरंकी प्रधान को ट्रामा सेंटर मे मरीज की जांच के लिए भेजा गया। उन्होंने जब मरीज की जांच की तो पता चला की चाकू हृदय के अंदर पूरी तरह से फंसा हुआ है ऐसे में उन्होंने इसकी सूचना निर्देशक कम हृदय शल्य चिकित्सा विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ एसएस लोहचब को दी।

डॉ संदीप सिंह ने बताया कि मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टर लोहचब तुरंत प्रभाव से हृदय शल्य चिकित्सा विभाग के ऑपरेशन थिएटर में पहुंचे और मरीज को ऑपरेशन के लिए कार्डियक सर्जरी ओटी में शिफ्ट करवाया।

डॉ संदीप सिंह ने बताया कि डॉक्टर एस एस लोहचब के मार्गदर्शन में बेहोशी विभाग की डॉ गीता, डॉ इंदिरा, डॉ प्रकाश व डॉ मनसमिता के साथ मिलकर ऑपरेशन शुरू किया गया। डॉ एस एस लोहचब ने बताया कि जब मरीज को ओटी में ले जाकर छाती खोलकर जांच की गई तो पता चला कि चक्कू चौथे कॉस्टोकॉन्ड्रल जंक्शन से होते हुए दाएं फेफड़े, पेरीकार्डियम से होते हुए दाएं एट्रीयम में घुसा हुआ था। ऐसे में यदि चाकू को सीधा निकाल दिया जाता तो अत्यधिक रक्तस्राव होने के चलते मरीज की जान जा सकती थी। ऐसे में सभी चिकित्सकों ने मिलकर मैरिज के आगामी रणनीति बनाकर ऑपरेशन शुरू किया ताकि मरीज की जान को बचाया जा सके।

डॉ लोहचब ने बताया कि मरीज की हृदय के पास वाली झिल्ली को और अधिक खोला गया और चाकू को बाहर निकाल कर राइट साइड चैंबर को रिपेयर किया गया इसके साथ ही फेफड़ों को भी रिपेयर करके चाकू पूरी तरह से बाहर निकाल दिया गया।

डॉ लोहचब ने बताया कि करीब 3-4 घंटे तक चले इस जटिल ऑपरेशन के बाद उनकी टीम मरीज की जान बचाने में पूरी तरह से सफल रही और अभी मरीज स्वास्थ्य लाभ ले रहा है और जल्द ही उसे डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

डॉ संदीप सिंह ने कहा कि वह ऑपरेशन करने वाली पूरी टीम का तहे दिल से धन्यवाद व्यक्त करते हैं जिन्होंने एक जटिल ऑपरेशन करके मरीज की जान बचाने का कार्य किया है।

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