Rohtak News: पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज रोहतक (PGIDS) के चिकित्सकों ने एक बार फिर से अपने आप में चुनौती भरा ऑपरेशन करके मरीज के जीवन में दोबारा रोशनी भरने का काम किया है। चिकित्सकों द्वारा की गई इस कठिन सर्जरी के बाद मरीज की हालत में सुधार हो रहा है और 1 माह के अंदर मरीज के पूर्णतया ठीक होने की उम्मीद है।
इस जटिल आप्रेशन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए पीजीआईडीएस के ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभागाध्यक्ष डाॅ. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि गत दिनों के करीब 10 वर्षीय बच्चा अपने पिता के साथ बाइक पर जा रहा था, रास्ते में एक दुर्घटना होने के चलते वह रेत पर गिर गया। इससे उसकी आंख के पास से खून आना शुरू हो गया तो उसने बाहर किसी अस्पताल में दिखाया जहां पट्टी करके उसको भेज दिया गया। कुछ दिन बाद भी खून नहीं रुकने, एक की जगह दो दिखाई देने व आंख खुलने पर उसने दूसरे डाॅक्टर को दिखाया तो वहां से भी उसे आराम नहीं मिला। इस पर बच्चे को उसके परिजन पीजीआई के क्षेत्रीय नेत्र विज्ञान संस्थान में डाॅ. उर्मिल चावला के पास लाए तो उन्होंने बच्चे को पीजीआईडीएस के ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग में डाॅ. विरेंद्र सिंह के पास भेजा।
चौकाने वाला तथ्य सामने आया
डाॅ. विरेंद्र सिंह ने बताया कि जब उन्होंने मरीज की जांच की तो उन्हें आंख की हड्डी के पास कुछ महसूस हुआ तो मरीज के एक्सरे व सीटी स्कैन करवाए गए। उन्होंने बताया कि जब एक्सरे हुआ तो एक चौकाने वाला तथ्य सामने आया जिमसें मरीज की आंख के पास लकड़ी की छड़ी फंसी हुई थी। डाॅ. विरेंद्र ने बताया कि इसके बाद उन्होंने अपने डॉ. उर्मिला चावला, डॉ. अमरीश भगोल, डॉ. अंकिता, डॉ. दिव्या और एनेस्थीसिया टीम के डॉ. संजय जौहर, डॉ. राहुल सैनी और डॉ. करिश्मा को अपनी टीम में लेकर आप्रेशन शुरू किया। इस जटिल सर्जरी में आंख से लगभग 3.5 सेमी की लकड़ी की छड़ी मिली जिसे बड़ी ही सावधानी के साथ निकाला गया।
महत्वपूर्ण उपलब्धि
डॉ वीरेंद्र सिंह ने कहा, यह सर्जरी अत्याधुनिक चिकित्सा देखभाल प्रदान करने की हमारी निरंतर प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हम परिणाम और रोगी की प्रगति से प्रसन्न हैं। उन्होंने बताया कि रोगी वर्तमान में ठीक हो रहा है और 1 महीने के भीतर उसकी आंखों की गतिविधियां बेहतर होने की उम्मीद है। मामला चुनौतीपूर्ण और जटिल है क्योंकि लकड़ी की छड़ी आंख के अंदर थी और दृष्टि को नुकसान पहुंचने की संभावना थी। मरीज डेंटल वार्ड में भर्ती है और उसकी हालत में सुधार हो रहा है।
संस्थान के चिकित्सों की उपलब्धि पर कुलपति डाॅ.एच.के. अग्रवाल, निदेशक डाॅ.एस.के. सिंघल, प्राचार्य डाॅ. संजय तिवारी ने चिकित्सकों की टीम को बधाई दी।