मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जलभराव की आपदा में पक्ष, विपक्ष और आमजन को मिलकर धैर्य के साथ सेवा करने की जरूरत है, ताकि सभी मिलकर इस आपदा से निजात पा सकें। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे पानी कम हो रहा है और समस्याओं भी कम हो रही हैं। पहाड़ों से आए ज्यादा पानी से प्रदेश के करीब 3000 गांव प्रभावित हुए हैं। इन गांवों में फसल और अन्य नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला हुआ है, जहां पर अब तक 1,69,738 किसानों ने 9,96,701 एकड़ फसल के खराबे का आवेदन किया है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शनिवार को शाहाबाद रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने जलभराव से प्रभावित गांवों के जन प्रतिनिधियों से बातचीत की और एक एक गांव की स्थिति, नुकसान के बारे में बारीकी से पूछा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मार्कण्डेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की और साथ ही जलभराव प्रभावित क्षेत्र से शिफ्ट किए हुए नागरिकों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को जाना और आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार नागरिकों के साथ हर स्थिति में मदद के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र से ज्यादा पानी आने की वजह से प्रदेश के गांवों जलभराव से प्रभावित हुए हैं। पानी ज्यादा बह रहा है। जिन लोगों के घर तक पानी पहुंचा है, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। उनके लिए रहने, खाने-पीने और अन्य सुविधाएं पहुंचाई गई है। इसके अलावा पशुओं के चारे का भी प्रबंध किया जा रहा है। वर्ष 2023 में भी प्रदेश के अंदर ऐसी स्थिति पैदा हुई थी। प्रदेश में अधिकारी व्यवस्था बनाने के लिए लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने न के खआमजराबी की भरपाई के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है, जिस पर आमजन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। पानी धीरे-धीरे कम होगा और प्रदेश की स्थिति नॉर्मल होगी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सभी नहर, नदी, नालों और बाढ़ राहत के लिए बनाई गई व्यवस्थाओं की साफ सफाई की जाती है। पहाड़ों से पानी आने के कारण इस बार स्थिति गड़बड़ा गई है। ऐसी आपदा की स्थिति में विपक्ष का राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस स्थिति में विपक्ष ने सरकार को सुझाव और सहयोग देना चाहिए। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि प्रदेश के नागरिकों को जलभराव आपदा में सहयोग करे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मारकंडा को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि मारकंडा में 25000 क्यूसिक पानी की क्षमता है। इस बार लगभग 40,000 क्यूसिक पानी पहुंचा है, जो ओवरफ्लो होकर खेतों और आसपास के क्षेत्र में जल भराव की स्थिति को पैदा कर रहा है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा स्वयं उत्तरी भारत में जल प्रभावित प्रदेशों की निगरानी रखे हुए हैं। हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर को लेकर केंद्र से विशेष निर्देश दिए गए हैं। पंजाब प्रदेश में हरियाणा से ज्यादा जल का प्रभाव हुआ है। केंद्र की तरफ से हरियाणा को पंजाब की मदद करने में के लिए आदेश प्राप्त हुए हैं। इस पर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से पंजाब की अलग-अलग जगहों पर सहयोग पहुंचा जा रहा है। हरियाणा की तरफ से पंजाब में खाने, पीने और पशुओं के लिए चारा भेजा जा रहा है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती, उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, पुलिस अधीक्षक नीतीश अग्रवाल, जिला अध्यक्ष तिजेंद्र सिंह गोल्डी, भाजपा नेता जयभगवान शर्मा डीडी, सुभाष कलसाना, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, चेयरमैन धर्मवीर डागर, मीडिया कोऑर्डिनेटर तुषार सैनी, रविंद्र सागंवान सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।