शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के खिलाफ दायर मानहानि मामले की आज पहली सुनवाई थी, लेकिन मुख्यमंत्री मान इस सुनवाई में शामिल नहीं हुए। उनकी जगह वकीलों ने पूरी सुनवाई में हिस्सा लिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि अगर वकील पेश होते हैं तो मुख्यमंत्री को पेश होने की जरूरत नहीं है।
उल्लेखनीय है कि शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने पिछले महीने 11 जनवरी को श्री मुक्तसर साहिब अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इसमें बादल ने एक करोड़ का मानहानि का मुकदमा दायर किया था। सुखबीर बादल ने कोर्ट में अपने परिवार पर झूठे आरोप लगाने की बात कही है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 1 नवंबर 2023 को खुली बहस का आह्वान किया था। इस संबंध में भगवंत मान ने विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया, लेकिन कोई भी नेता बहस के लिए नहीं आया, जिसके बाद भगवंत मान ने बादल परिवार और विपक्षी नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए।
मुख्यमंत्री मान ने कहा था कि बादल परिवार के पास दिल्ली में एक होटल और हरियाणा में बालासर फार्म है। इसलिए बादल परिवार के खेतों के लिए एक विशेष नहर बनाई गई। इसके साथ ही सीएम मान ने कहा था कि बादल परिवार ने अपनी बसों के परमिट गलत तरीके से लिए हैं।
इसके बाद सुखबीर बादल ने सीएम मान को कानूनी नोटिस भेजकर माफी मांगने को कहा, लेकिन सीएम मान ने माफी नहीं मांगी, जिसके बाद शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष ने श्री मुक्तसर साहिब की अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया।