चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (CM Nayab Singh Saini) ने जिलों में बाढ़ सुरक्षा प्रयासों की निगरानी कर रहे सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जिलों में मानसून सीजन से पहले ड्रेनों की सफाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देना सुनिश्चित करें।
उन्होंने इस कार्य के लिए उन्हें तुरंत एक शेड्यूल बनाने और कार्य की निगरानी के लिए अपने अधीनस्थ अधिकारियों को नियुक्त करने के निर्देश दिए ताकि ड्रेन की सफाई का कार्य हर हाल में 15 जून, 2025 से पहले पूरा हो सके।
इसके अतिरिक्त, फील्ड में कार्यरत सभी अधीक्षण अभियंताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके संबंधित क्षेत्रों में ड्रेनों की सफाई सही तरह से की जाए।
मुख्यमंत्री सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग तथा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के साथ अल्पकालिक बाढ़ सुरक्षा कार्यों तथा ड्रेनों की आंतरिक सफाई की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्य सचिव 10 जून को प्रगति की करेंगे समीक्षा, लापरवाही के लिए सम्बंधित अधिकारी होंगे जिम्मेवार
ड्रेनों की आंतरिक सफाई की वर्तमान गति पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून आने में बहुत कम समय बचा है और अभी यह काम शेष है। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट समय-सीमा निर्धारित करते हुए इस सम्बन्ध में सभी लंबित कार्यों को बिना देरी के पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी अन्य प्रशासनिक सचिवों के साथ 10 जून को फिर से इस कार्य प्रगति की समीक्षा करेंगे। यदि किसी अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही पाई जाती है तो उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में ली जाएगी।
बाढ़ सुरक्षा के व्यापक उपायों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी अल्पकालिक उपायों पर फोकस करते हुए बाढ़ नियंत्रण से संबंधित चल रही योजनाओं को पूरा करना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को जल निकासी के लिए आवश्यक पंपों की स्थिति और उपलब्धता का आकलन करने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने अधिकारियों को विशिष्ट क्षेत्रों में जलभराव के कारणों की पहचान करने तथा स्थायी समाधान प्रदान करने के लिए लक्षित योजनाएं बनाने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और पंचायतों द्वारा अनुशंसित बाढ़ सुरक्षा कार्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए तथा उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।
बैठक में CM ने टांगरी और मारकंडा नदियों में गाद निकालने के काम की भी समीक्षा की
बैठक के दौरान बताया गया कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग मानसून के दौरान जल भंडारण के लिए एसवाईएल और हांसी-बुटाना लिंक नहरों के मौजूदा चैनलों का उपयोग करने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम कर रहा है। इस योजना में ड्रेनों सहित घग्गर नदी के पानी को इन दोनों नहरों में भेजना और पानी को रोकने के लिए अस्थायी अवरोधों का निर्माण करना शामिल है। इस पहल का उद्देश्य न केवल बाढ़ नियंत्रण और भूजल को रिचार्ज करना है, बल्कि सिंचाई की जरूरतों को पूरा करना भी है।