केंद्र सरकार ने सोमवार को ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म करने का फैसला लिया है। अब 5वीं और 8वीं क्लास के छात्रों को फेल होने पर अगले क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा। पहले इस नीति के तहत फेल होने वाले छात्रों को बिना परीक्षा में पास हुए अगली क्लास में भेज दिया जाता था, लेकिन अब इसे बदल दिया गया है।
नई नीति के अनुसार, फेल होने वाले छात्रों को दो महीने के भीतर री-एग्जाम देने का मौका मिलेगा। यदि वह दोबारा फेल हो जाते हैं, तो उन्हें प्रमोट नहीं किया जाएगा और वे उसी क्लास में दोबारा पढ़ेंगे। हालांकि, सरकार ने एक अहम प्रावधान जोड़ा है कि 8वीं तक के छात्र को स्कूल से बाहर नहीं निकाला जाएगा।
इसके अलावा, सरकार ने 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों (दिल्ली और पुडुचेरी) में पहले ही नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म कर दिया है। केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूलों पर इसका असर पड़ेगा। इस बदलाव के कारण शिक्षा के स्तर में गिरावट को रोकने की उम्मीद है, जो पहले 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में दिखने लगी थी।
नई नीति के तहत कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों में शामिल हैं:
- छात्रों को रिजल्ट घोषित होने के बाद दो महीने के भीतर पुनः परीक्षा का अवसर मिलेगा।
- अगर छात्र फिर से फेल हो जाते हैं, तो उन्हें उसी क्लास में रोक दिया जाएगा।
- छात्र के माता-पिता से संपर्क कर विशेष मार्गदर्शन दिया जाएगा।
- स्कूलों के प्रिंसिपल फेल छात्रों की निगरानी करेंगे।
इस नीति में बदलाव शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत किया गया है और इसका उद्देश्य छात्रों को अधिक जिम्मेदार और सक्षम बनाना है।