नई शोध के अनुसार, शरीर के लोअर एब्डॉमिन (पेट के नीचे) में जमा फैट हाथ-पैर के फैट की तुलना में कहीं ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। यह फैट लिवर और हार्ट जैसे महत्वपूर्ण अंगों के आसपास जमा होता है, और इसके परिणामस्वरूप कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि पेट के आसपास का फैट शरीर में क्रॉनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज, हृदय रोग और लिवर की समस्याओं का जोखिम बढ़ाता है।
इस फैट को विसरल फैट कहा जाता है, जो आंतरिक अंगों के आसपास जमा होता है और यह शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है। इसके विपरीत, हाथ-पैरों और त्वचा के नीचे जमा होने वाला फैट ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता है। लेकिन पेट के आसपास जमा फैट का असर दिल, लिवर और रक्तवाहिनियों पर सीधा पड़ता है, जिससे कार्डियोवस्कुलर बीमारियों, स्ट्रोक और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
मोटापे के लिए नई गाइडलाइंस
दुनिया भर में मोटापे की समस्या लगातार बढ़ रही है, और यह एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बन चुका है। इसके कारण, विशेषज्ञों ने मोटापे के इलाज के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस में मोटापे को दो प्रमुख चरणों में बांटकर इलाज करने का सुझाव दिया गया है। पहले चरण में, शरीर के वजन को नियंत्रित करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव और आहार संबंधी सुधार की सलाह दी जाती है। दूसरे चरण में, यदि लाइफस्टाइल सुधार के बाद भी वजन नियंत्रित नहीं हो पाता है, तो चिकित्सा उपचार जैसे दवाइयां या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।