रोहतक। रोहतक में नशा युवाओं पर इस कदर हावी हो रहा है कि अपनों से ही अपनों का खून करवा रहा है। तीन माह में रोहतक के आजादगढ़ उत्तम विहार में ऐसा दूसरा मामला आया है जब नशे के लिए पैसे नहीं देने पर एक कलयुगी बेटे ने अपनी ही मां का गला रेत कर हत्या कर दी। मृतक महिला सेवानिवृत्त एसआई रणबीर की पत्नी सुनीता है जिसकी उसके छोटे बेटे ने नशे के लिए पैसे नहीं देने पर तेजधार हथियार से गला रेत कर हत्या की और फरार हो गया।
रोहतक में मां का गला काटकर मर्डर करने के आरोपी छोटे बेटे अश्वनी के खिलाफ पुलिस ने हत्या का केस कर लिया गया है। उत्तम विहार निवासी अनिरुद्ध ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वे दो भाई है। जिनमें से वह बड़ा है और छोटा भाई अश्विनी है। उसके पिता रणबीर हरियाणा पुलिस में एसआई पद से सेवानिवृत्त है। वह अपने पिता के साथ सरकारी क्वार्टर में रहता है। वहीं उसकी मां सुनीता व छोटा भाई अश्वनी उत्तम विहार में रहते हैं।
अनिरुद्ध ने बताया कि उन्हें जब भी समय लगता है तो वह अपने पिता के साथ अपनी मां व भाई से मिलने आते रहते हैं। वहीं उसका छोटा भाई अश्वनी नशे का आदी है। मंगलवार को उसने अपनी मां सुनीता को फोन किया, तो उसकी मां नहीं नहीं उठाया। लगातार काफी फोन किए, संपर्क नहीं हुआ तो पड़ोसियों के पास फोन किया। पड़ोसी चेतन से फोन किया और उसे घर जाकर देखने के लिए कहा। जब पड़ोसी ने घर पर जाकर देखा और कहा कि उसकी मां सुनीता बैड पर लेटी हुई है। काफी आवाज देने पर भी नहीं उठी। इसके अलावा फर्श पर खून के धब्बे भी पड़े हुए थे। वहीं अंदर जाकर कंबल हटाकर देखा तो गर्दन पर गहरी चोट का निशान था। इसी दौरान अनिरुद्ध भी अपने पिता के साथ घर पर पहुंच गया।
उसने कहा कि उसकी मां सुनीता की हत्या उसके भाई अश्वनी ने तेजधार हथियार से गला काटकर की है। जिसके खिलाफ शिकायत पुलिस को दे दी। गौरतलब है कि इससे पूर्व इसी इलाके में दो नवंबर को छोटे बेटे ने नशे के लिए 65 वर्षीय मां कांता का गला रोटी बनाने वाले तवे से काट डाला था। ये दोनों मामले लगभग एक समान हैं। ऐसे में नशा चिंता का विषय बन गया है।
उत्तम विहार में सुनीता व कांता हत्याकांड दोनों एक समान हैं। इन दोनों माताओं की हत्या करने वाले उनके अपने चहेते लाडले हैं। दोनों छोटे बेटे नशे की आदी हैं। नशे के लिए रुपये नहीं देने पर ही दोनों ने मां का गला काटा। ये दोनों मामले समाज को सचेत करने का संकेत हैं। नशा व इसके दुष्परिणामों पर समाज ने चिंतन या समाधान नहीं किया तो इसके भयावह परिणाम सामने आने से इनकार नहीं किया जा सकता है। यह चिंतन इलाके लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा।