Tuesday, April 30, 2024
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PGI रोहतक में नौकरी से हटाए गए कर्मचारियों का बड़ा आरोप, नशे में डॉक्टर ने तानी पिस्तौल

नौकरी से हटाने पर भड़के कर्मचारी बोले- प्रशासन ने चहेतों को नौकरी दी, हम फिर भी पढ़े लिखे हैं लेकिन हम पर अनपढ़ सुपरवाइजर लगा दिया गया है। नौकरी से हटाने के लिए रिकॉर्ड भी गलत पेश किया गया।

रोहतक। PGI रोहतक में आज नौकरी से हटाए गए सुरक्षा कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने पीजीआई प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आरोप लगाया कि प्रशासन गलत रिकॉर्ड पेश कर उन्हें नौकरियों से वंचित कर रहा है। इन सब की मिलीभगत है इसलिए हमारी कही भी सुनवाई नहीं है। प्रशासन से लेकर सांसद डॉ अरविंद शर्मा तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन हमारे पास कोई सिफारिश नहीं इसलिए उन पर जुल्म हो रहा है।

एक हटाए गए कर्मचारी पवन कुमार का कहना है कि उन्होंने 23 फरवरी को सीएम विंडों में भी शिकायत देकर पूछा कि उन्हें नौकरी से क्यों हटाया और जिन्हें लगाया गया है, वह किस आधार पर हैं। लेकिन हम से बिना पूछे ही पीजीआई प्रशासन ने खुद ही बिना शिकायतकर्ता की संतुष्टि के ही यह लिखकर भेज दिया कि वे संतुष्ट हैं। वहीं सीनियोरिटी के आधार पर नौकरी दी गई है, जबकि जो कर्मचारी हटाए गए हैं वे सीनियर हैं। बिना पूछे ही उनका नाम कौशल रोजगार के तहत भेज दिया गया।

अपनी बात रखते हुए पवन कुमार

पवन कुमार ने कहा कि 28 सिंतबर 2021 को एक पत्र जारी किया था। इसके बावजूद भी कर्मचारियों को लगाया गया। नए कर्मचारी लगाए गए थे, उनमें से चहेतों को 21 कर्मचारियों का नाम कौशल रोजगार निगम में दे दिया। वहीं पुराने व 14 नए कर्मचारियों को छोड़ दिया। उन्हें कौशल रोजगार निगम में शामिल नहीं किया। कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि उन्हें नाजायज तरीके से हटाया गया है। जो लोग 2021 में लगे वो ड्यूटी कर रहे हैं और हम में से कुछ तो 2003 से लगे हैं उनको अचानक नो ड्यूटी कर दिया गया। अब वे अपने परिवार का पालन पोषण कैसे करें।

एक कर्मचारी अजय कुमार का कहना था कि उसके नाम से ऑफर लेटर भी आ गया और नॉमिनी में भी नाम चढ़ गया। लेकिन उसके नाम से कोई और अजय ड्यूटी कर रहा है और वे उसके तीन महीने की सैलरी नहीं दे रहे। जिनके खिलाफ छेड़छाड़ के आरोप है वो ड्यूटी कर रहे हैं और हमें निकाल दिया गया है। ड्यूटी के दौरान अजय पर गौरव खत्री नाम के डॉक्टर ने रात के समय नशे में मेरे सिर पिस्तौल तान दी थी। उन्होंने चार बार पिस्तौल का घोडा दबा भी दिया लेकिन उसमे गोली नहीं थी इसलिए वह बच गया।

अपनी बात रखते हुए अजय कुमार

अजय का कहना है कि जब मैंने प्रबंधन के पास जाकर शिकायत की तो एसओ रोहित ने धमकी दी कि कोई पुलिस केस मत करना नहीं तो हम तुम्हे जॉब से निकाल देंगे। कार्रवाई के लिए सभी को कहा लेकिन किसी ने भी नहीं सुना। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उन्होंने कहा कि जो लोग पैसे लेकर भर्ती किए थे उन लोगों को नौकरी पर ही रखा गया है। जबकि जिन लोगों ने पैसे नहीं दिए थे, वे हटा दिए गए। कोरोना महामारी के दौरान भी उन्होंने सालों से नौकरी की, लेकिन अब अचानक घर बैठने के लिए कह दिया। ऐसे में वे जाएं तो कहां जाएं। इसलिए उन्हें नौकरी पर रखा जाए।

आपको बता दफन रोहतक पीजीआई में 55 सुरक्षाकर्मियों को नए साल पर 1 जनवरी से हटाने का नोटिस थमा दिया था। जिसके कारण कर्मचारियों में रोष है। वे इस मामले में वे कई बार नेताओ और अधिकारियों से मिल चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। बार-बार मांग रखने के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे।

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